तीन फाइटर पायलट बेटियों पर देश को है नाज, जानिए उनके बारे में कुछ खास

इंटरनेट डेस्क हैदराबाद : हैदराबाद के हकीमपेट में स्थित वायुसेना अकादमी में आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की उपस्थिति में तीन महिला फाइटर पायलटों को पासिंग आउट परेड के बाद सेना में शामिल किया गया. हालांकि इन्होंने अभी सिर्फ शुरुआती ट्रेनिंग ली है. कर्नाटक में एक साल की एडवांस ट्रेनिंग के बाद ही यह फाइटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2016 4:22 PM

इंटरनेट डेस्क

हैदराबाद : हैदराबाद के हकीमपेट में स्थित वायुसेना अकादमी में आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की उपस्थिति में तीन महिला फाइटर पायलटों को पासिंग आउट परेड के बाद सेना में शामिल किया गया. हालांकि इन्होंने अभी सिर्फ शुरुआती ट्रेनिंग ली है. कर्नाटक में एक साल की एडवांस ट्रेनिंग के बाद ही यह फाइटर प्लेन उड़ाने में दक्ष हो पायेंगी. इन तीन महिलाओं से कई महिलाओं को प्रेरणा मिली है. इंडियन एयरफोर्स में 94 महिला पायलट हैं लेकिन कोई भी सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग जैसे फाइटर विमान नहींउड़ातीं.
अवनी चतुर्वेदी
अवनी मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं. अवनी के भाई भी सेना में हैं. इसके अलावा उनके चाचा के परिवार में भी कई लोग देश की सेवा में हैं. हालांकि उनके पिताएक्जक्यूटिवइंजीनियर हैं. अवनी ने शुरू से ही फौज के जीवन को काफी नजदीक से महसूस किया और उनसे प्रभावित होती गयीं. अवनी बताती हैं कि हर कोई अपने बचपन में उड़ने का सपना देखता है और आज उनका यह सपना एयरफोर्स के जरिये पूरा हो रहा है. रीवा इस सफलता में अपने परिवार का बड़ा हाथ मानती हैं. उन्होंने कहा कि मेरे सपनों को पूरा करने में मेरे परिवार वालों ने भी पूरी मदद की. एक महिला के लिए पायलट बनना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है ऐसा नहीं है कि सिर्फ पुरुष ही यह काम कर सकते हैं. इसमें मसल पावर की जरूरत नहीं पड़ती बसआपका कौशल व प्रशिक्षण काम आता है.
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भावनाकंठ
भावना कंठ बिहार की रहने वाली हैं. छोटे शहर से होने के बाद भी भावना ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा और उनके परिवार वालों ने भी उन्हें पूरा सहयोग किया. घरवालों ने उन्हें कभी ऐसा महसूस होने नहीं दिया कि वो लड़की हैं और इस तरह का सपना नहीं देख सकतीं. आज घरवालों के सहयोग और अपनी मेहनत के दम पर भावना बिहार का नाम रौशन कर रही हैं. हालांकि भावना का मथुरा से भी संबंध हैं और उनके परिवार में कोई सेना में नहीं था.
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मोहना सिंह
गुजरात के वडोदरा की मोहना वाली मोहना के पिता वायुसेना में सार्जेंट है. मोहना सिंह कहती हैं, “फाइटर पायलट बनना मेरा बचपन का सपना था. मुझे अपने पिता से यह प्रेरणा मिली थी और बचपन में ही ठान लिया था कि पायलट बनना है. हमें कोई छूट नहीं है. हम अपनी काबिलियत के दम पर यहां पहुंचे हैं. फीजिकल फिटनेस या मेंटल रोबस्टनेस और टेस्ट्स, सभी टेस्ट बिल्कुल वैसी ही थे जैसे किसी लड़के के लिए होते हैं.
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