नयी दिल्ली/ सेंट पीट्सबर्ग : परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की दावेदारी लगातार मजबूत होती दिख रही है. अमेरिका, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन के बाद रूस ने भी भारत को इस मामले में समर्थन का पूरा भरोसा दिया है. रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि वो इस मसले को सियोल में होने वाली बैठक में उठाएंगे और भारत के समर्थन की बात करेंगे. पुतिन की इस बात से यह साबित हो गया है कि रूस भारत की एनएसजी में एंट्री को लेकर काफी सकारात्मक सोच रखता है. आपको बता दें कि सोमवार से एनएसजी सदस्यों की बैठक होने वाली है.
पुतिन ने कहा है कि वे चीन से भी इस बाबत बात करेंगे कि आखिर वो किस आधार पर भारत की सदस्यता का विरोध कर रहे हैं हालांकि पुतिन ने यह भी साफ किया है कि नियमों के अनुसार ही आखिरी फैसला लिया जाएगा साथ ही उन्होंने कहा कि जितने नए देशों ने सदस्यता के लिए अपील की है उनके बारे में 48 सदस्यों एनएसजी टीम बैठक में विचार करेगी.
गौरतलब है कि एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर विभिन्न देशों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाते हुए नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही सीधे रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर बातचीत की थी. भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता से लेकर एनएसजी सदस्य बनने के वैश्विक महत्वाकांक्षा का रूस हमेशा से समर्थक रहा है लेकिन बार-बार चीन के गतिरोध का सामना भी भारत को करना पड़ रहा है हालांकि मोदी इस मामले में अमेरिका को अपने पक्ष में करने में सफल रहे हैं.
इधर, एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका के जोर दिए जाने के वाबजूद चीन ने कह चुका है कि समूह के सदस्य देश गैर एनपीटी राष्ट्रों को इसमें शामिल किए जाने के मुद्दे पर बंटे हुए हैं. साथ ही, चीन ने इस बात पर जोर दिया है कि वियना बैठक में भारत और अन्य देशों के समूह में शामिल होने को लेकर कोई विचार विमर्श नहीं हुआ.