नयी दिल्ली : कुछ समय पहले दिल्ली के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पानी के टैंक में गिरने से एक बच्चे की मौत हो गयी थी और स्कूल प्रशासन को इसका अंदाजा ही नहीं हुआ था कि बच्चा पानी के टैंक में गिर गया है. ऐसी और घटनाएं भी अक्सर हमारे आस-पास देखने को मिलती हैं. ऐसे में एक बच्चे की सुरक्षा माता-पिता, स्कूल और प्रशासन सभी के लिए चिंता का विषय है. लेकिन तकनीक ने इस समस्या का हल निकाला है और अब आपको अपने बच्चे के बारे में पल-पल की जानकारी आपके स्मार्टफोन पर एक एप की मदद से मिल सकती है और इतना ही नहीं यह एप आपको उसके स्कूल में प्रदर्शन इत्यादि के बारे-बारे में भी समय-समय पर खबर दे सकता है. गुडगांव की इवोएक्सवाईजेड टेक्नोलॉजीस कंपनी ने इवोस्कूल नाम से एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जो स्कूल और अभिभावकों के साथ मिलकर काम करती है.
ब्लूटूथ तकनीक से लैस बैच में होगा एप
इस प्रणाली में बच्चे के घर से स्कूल बस में जाने से लेकर उसके घर वापस आने तक की सारी गतिविधियों के बारे में अभिभावकों को उनके स्मार्टफोन पर जानकारी मिलती रहती है वहीं शिक्षक बच्चे के गृहकार्य से लेकर उसके प्रदर्शन तक की जानकारी इस एप के जरिए उसके अभिभावकों तक पहुंचा सकते हैं. कंपनी की संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी शिल्पा माहना भटनागर ने कहा, ‘इस प्रणाली के तहत हम बच्चों को ब्लूटूथ तकनीक से लैस बैच देते हैं. उनके माता-पिता को एक मोबाइल एप डाउनलोड करना होता है. इसके अलावा स्कूलों को अपनी बस और परिसर में एक विशेष प्रकार का हार्डवेयर लगवाना होता है.’ दिल्ली और गुडगांव के कुछ स्कूलों ने इस एप का उपयोग भी शुरु कर दिया है. शिल्पा ने बताया, ‘यह हार्डवेयर बच्चे के बैच को ट्रैक करता रहता है. इससे उसके बस से स्कूल जाने, स्कूल में बाथरुम जाने या उसके मैदान में खेलने के दौरान की सारी जानकारी माता-पिता को उनके मोबाइल एप पर मिलती रहती है.’
एपमेंकिया गयाहै जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि बच्चों की सहूलियत को देखते हुए उन्होंने इस बैच को पहचान पत्र, हैंडबैंड इत्यादि कई रुप में बनाया है. यह वाटरप्रूफ है. यह जीपीएस ट्रैकिंग तकनीक का इस्तेमाल करता है और छोटे बच्चों को ध्यान में रखकर इसे कम रेडिएशन वाला बनाया गया है. शिल्पा ने कहा कि स्कूलों के साथ विचार-विमर्श के दौरान यह सुझाव सामने आया कि इसी एप में बच्चों की उपस्थिति, गृहकार्य, कक्षाकार्य, परीक्षा परिणाम, सूचनाएं इत्यादि अभिभावक तक पहुंचाने की व्यवस्था क्यों ना की जाए. इसके बाद एप में यह काम किया गया और अब इसके माध्यम से बच्चे की ट्रैकिंग के साथ-साथ उससे जुडी अन्य सभी जानकारियां इस एप के माध्यम से अभिभावकों तक पहुंचाई जा सकती हैं.
दुर्घटना का भेजेगा अलर्ट
इस एप के संभावित खतरे के बारे में प्रश्न किए जाने पर शिल्पा ने कहा कि आजकल हैकिंग और साइबर अपराध की गतिविधियों के बढने के चलते बच्चों का डाटा सुरक्षित रखने के हर संभव प्रयास किए गए हैं ताकि कोई भी इसका गलत इस्तेमाल नहीं कर सके. इसके अलावा यह बैच बच्चों के माता-पिता को किसी भी दुर्घटनापूर्ण स्थिति में तुरंत अलर्ट भेजता है जिससे कि संभावित खतरे को भांपा जा सके. मसलन यदि बच्चा बाथरुम में 15 मिनट से ज्यादा देर रहता है तो यह प्रणाली माता-पिता को उनके मोबाइल पर अलर्ट भेज देगी और उसके बाद स्कूल प्रशासन बच्चे का पता लगा सकते हैं. इसी तरह किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति में यह बच्चे के अभिभावकों को अलर्ट भेजने में सक्षम है.