पतंजलि की जन्मभूमि का विकास कराएगी सरकार : मंत्री

गोंडा : योग के माध्यम से भारत को विश्व मानचित्र पर सिरमौर के रुप में स्थापित कराने वाले महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली को उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करेगी और उसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाए जाने का भी प्रयास किया जाएगा. प्रदेश के कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 7:43 PM

गोंडा : योग के माध्यम से भारत को विश्व मानचित्र पर सिरमौर के रुप में स्थापित कराने वाले महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली को उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करेगी और उसे विश्व धरोहर का दर्जा दिलाए जाने का भी प्रयास किया जाएगा.

प्रदेश के कृषि मंत्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की गोण्डा स्थित जन्मभूमि ‘कोंडर’ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आज एक ओर जहां विश्व के 140 से अधिक देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि की जन्मभूमि पूरी तरह उपेक्षित है.
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश समाजवादी पार्टी सरकार महर्षि पतंजलि की जन्मस्थली को विकसित कराएगी . उन्होंने यहां एक भव्य व्यायामशाला बनवाए जाने के साथ ही महर्षि पतंजलि की सुन्दर प्रतिमा व सौर ऊर्जा लगवाए जाने की घोषणा की और कहा कि मंदिर परिसर तथा कोंडर झील का भी सुन्दरीकरण कराकर पर्यटन योग्य बनाया जाएगा.
पंडित सिंह ने आरोप लगाया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी योग को लेकर ऐसा ढिंढोरा पीट रहे हैं, जैसे योग उन्हीं की देन हो. महर्षि पतंजलि के नाम को भुनाने में बाबा रामदेव भी पीछे नहीं हैं. उन्होंने पतंजलि के नाम का इस्तेमाल करके अरबों की सम्पत्ति खडी कर ली लेकिन किसी ने भी योग के प्रणेता महर्षि पतंजलि के जन्मस्थल की सुध नहीं ली. सिंह ने कहा कि अच्छा होता अगर बाबा रामदेव फरीदाबाद के बजाय कोंडर में आकर योग दिवस मनाते और महर्षि पतंजलि के चरणों का आशीर्वाद प्राप्त करते. कार्यक्रम के आयोजक महर्षि पतंजलि जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष स्वामी भगवदाचार्य ने महर्षि पतंजलि की भउम की प्रामाणिकता और साक्ष्यों का जिक्र करते हुए बताया कि लगभग 2200 वर्ष पूर्व महर्षि पतंजलि का जन्म कोंडर में हुआ था.
इस बीच जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने बताया कि उन्होंने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करके इस स्थान के विकास के लिए विस्तृत आख्या तलब की है. इसी आधार पर केंद्र सरकार तथा प्रदेश सरकार के पर्यटन निदेशालय तथा पुरातत्व विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

Next Article

Exit mobile version