जानें एमटीसीआर की मुख्‍य बातें, क्यों है भारत के लिए महत्वपूर्ण

नयी दिल्ली : भारत आज मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में औपचारिक तौर पर शामिल हो गया है जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने अपने ट्वीटर आकाउंट पर दी है. दुनिया के चार महत्वपूर्ण परमाणु टेक्नोलॉजी निर्यात करने वाले खास देशों के समूह में एमटीसीआर का महत्वपूर्ण योगदान है. एनएसजी में शामिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 27, 2016 10:33 AM

नयी दिल्ली : भारत आज मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में औपचारिक तौर पर शामिल हो गया है जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने अपने ट्वीटर आकाउंट पर दी है. दुनिया के चार महत्वपूर्ण परमाणु टेक्नोलॉजी निर्यात करने वाले खास देशों के समूह में एमटीसीआर का महत्वपूर्ण योगदान है. एनएसजी में शामिल होने की हालिया कोशिश की नाकामी बाद इसे भारत की सफलता की तरह देखा जा रहा है क्योंकि इस समूह में अभी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और चीन को सदस्यता प्राप्त नहीं है.

बीते साल ही भारत ने एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था लेकिन इटली इसके राह में रोड़ा था. भारत और इटली के बीच मरीन मामले को लेकर तनाव था जिसे निपटा लिया गया है. आइए जाने क्या है एमटीसीआर और क्यों है यह भारत के लिए महत्वपूर्ण….

जानें एमटीसीआर की मुख्‍य बातें

-एमटीसीआर का अर्थ है मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम

-एमटीसीआर 34 देशों का एक समूह

-इसका उद्देश्‍य दुनियाभर में मिसाइल के प्रसार को रोकना है

-समूह का काम मानवरहित हथियार पर भी रोक लगाना है

-समूह का उद्देश्‍य है कि मिसाइल क्षमता 300 किलोमीटर के दायरे में रहे

फिलहाल चीन और पाकिस्तान समूह के सदस्य नहीं हैं

एमटीसीआर से क्या है भारत को फ़ायदा

-भारत मानवरहित ड्रोन ख़रीद पाने में सक्षम

-भारत अमेरिका से ख़रीद सकता है प्रिडेटर ड्रोन

-भारत ब्रह्मोस जैसी मिसाइल बेच सकने में सक्षम

-NSG में भारत के दावे को इससे मिलेगी मजबूती

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