इफ्तार में पाक उच्चायुक्त को नहीं बुलायेगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
नयी दिल्ली : पंपोर में आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की ‘असंवेदनशील टिप्पणियों’ से नाराज आरएसएस से जुडे एक संगठन ने दो जुलाई को दी जा रही इफ्तार पार्टी में बासित को नहीं बुलाने का फैसला किया है. पंपोर आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गये थे. आरएसएस से […]
नयी दिल्ली : पंपोर में आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित की ‘असंवेदनशील टिप्पणियों’ से नाराज आरएसएस से जुडे एक संगठन ने दो जुलाई को दी जा रही इफ्तार पार्टी में बासित को नहीं बुलाने का फैसला किया है. पंपोर आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गये थे. आरएसएस से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने शुरू में पाकिस्तानी उच्चायुक्त को आमंत्रित किया था. लेकिन भारतीय जवानों की मौत पर उनके ‘असंवेदनशीलता’ दिखाने के बाद बासित को औपचारिक रूप से आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया गया है.
मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा, ‘दो जुलाई की इफ्तार पार्टी के लिए उच्चायुक्त को आमंत्रित करने की खातिर हमने शुरू में पाकिस्तानी उच्चायोग को एक ईमेल भेजा था. लेकिन कश्मीर के पंपोर में एक आतंकवादी हमले में भारतीय जवानों की मौत पर उन्होंने ‘असंवेदनशीलता’ का प्रदर्शन किया. इसके मद्देनजर हमने उन्हें औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजने का फैसला किया.’
उन्होंने कहा, ‘हमने सदभावना और संवाद का नया रास्ता खुलने के संबंध में संदेश देने के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित करने के बारे में सोचा था. उनके उच्चायुक्त ने जवानों की मौत पर पूरी तरह से असंवेदनशीलता दिखायी तथा हमले की निंदा नहीं की.’ मुस्लिम विरोधी होने की धारणा को दूर करने का प्रयास करते हुए मंच ने पार्लियामेंट एनेक्सी में दो जुलाई को भव्य इफ्तार का आयोजन किया है. उसने मुस्लिम देशों सहित कई देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया है.
मोहम्मद अफजल ने कहा कि हमने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को न्यौता देने का इरादा टाल दिया है. हम उनके साथ इफ्तार नहीं कर सकते जब हमारे जवान मारे जा रहे हों. हम यह सख्त संदेश देना चाहते हैं कि भारत यह सहन नहीं करेगा. पिछले शनिवार को पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी के दौरान जब उनसे पंपोर हमले के बारे में पूछा गया तो समझा जाता है कि उन्होंने इफ्तार पार्टी पर ध्यान केंद्रित करने और इसका आनंद उठाने को कहा.