माल्या को 29 जुलाई को पीएमएलए अदालत के समक्ष उपस्थित होने का आदेश

मुम्बई : शराब व्यवसायी विजय माल्या से कहा गया है कि 29 जुलाई को कथित बैंक ऋण धोखाधडी मामले में उनके खिलाफ धनशोधन मामले की चल रही जांच के सिलसिले में पेश हों जहां विशेष न्यायाधीश ने कहा कि वह ‘‘फरार” हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए ‘‘छिप” रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2016 6:32 PM

मुम्बई : शराब व्यवसायी विजय माल्या से कहा गया है कि 29 जुलाई को कथित बैंक ऋण धोखाधडी मामले में उनके खिलाफ धनशोधन मामले की चल रही जांच के सिलसिले में पेश हों जहां विशेष न्यायाधीश ने कहा कि वह ‘‘फरार” हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए ‘‘छिप” रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माल्या के खिलाफ आज अदालत से जारी आदेश को प्रकाशित कर उनसे 29 जुलाई को पीएमएलए की विशेष अदालत के समक्ष उपस्थित होने को कहा.

विशेष न्यायाधीश पी आर भवाके के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘मेरे समक्ष शिकायत की गई है कि उपरोक्त आरोपी विजय विट्ठल माल्या जिनका पता — मेसर्स किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड, मुंबई 400018 है, ने पीएमएलए 2002 की धारा चार के तहत दंडनीय अपराध किया है और उसके खिलाफ जारी गिरफ्तारी का वारंट लौट आया है जिसमें कहा गया है कि उपरोक्त विजय विट्ठल माल्या वहां नहीं मिला और मुझे बताया गया कि उक्त विजय विट्ठल माल्या फरार हो गया है और उक्त वारंट से बचने के लिए छिप रहा है.”
आदेश में कहा गया है, ‘‘यहां घोषणा की जाती है कि उपरोक्त मामले में आरोपी नामित व्यक्ति को पीएमएलए के तहत विशेष अदालत, वृहद् मुंबई की अदालत के कक्ष संख्या 16 के समक्ष 29 जुलाई 2016 को सुबह 11 बजे उपस्थित होना आवश्यक है ताकि उक्त शिकायत का जवाब दे सकें .”
यह उद्घोषणा यहां और बेंगलुरु के कुछ प्रख्यात राष्ट्रीय दैनिक में छपा हुआ है.उद्घोषणा को यहां के एक विशेष धनशोधन निरोधक अदालत ने 14 जून को ईडी के आग्रह पर अपराध दंड संहिता की धारा 82 के तहत जारी किया जो आईडीबीआई….किंगफिशर एयरलाइन के 900 करोड रुपये के रिण मामले में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है.
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने आधिकारिक चैनल के माध्यम से माल्या को आदेश भेजा है.ईडी ने माल्या के खिलाफ उद्घोषणा नोटिस जारी करने की मांग की थी क्योंकि इसने कहा कि उनके खिलाफ ‘‘कई” गिरफ्तारी वारंट जारी है जिसमें पीएमएलए के तहत गैर जमानती वारंट भी शामिल है और एजेंसी चाहती है कि वह ‘‘व्यक्तिगत रुप से” जांच में शामिल हों.

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