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स्वदेशी विमान तेजस आज वायुसेना के बेड़े में हुआ शामिल

नयी दिल्‍ली : भारत में ही निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. बेंगलुरू में दो विमानों के इस स्क्वाड्रन को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया. यह पहला मौका होगा जब किसी स्वदेशी युद्धक विमान को सेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है. हालांकि इसमें […]

नयी दिल्‍ली : भारत में ही निर्मित स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को आज भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. बेंगलुरू में दो विमानों के इस स्क्वाड्रन को वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया. यह पहला मौका होगा जब किसी स्वदेशी युद्धक विमान को सेना के बेड़े में शामिल किया जा रहा है. हालांकि इसमें 3 दशक का समय लगा.वायुसेना सूत्रों के अनुसार, मार्च 2017 तक छह और तेजस को बेड़े में शामिल किया जा सकता है. अधिकारियों के मुताबिक तेजस दुनिया में उत्कृष्ट विमान के रूप में उभर रहा है. विकसित होने के दौरान विमान ने ढाई हजार घंटे के सफर में तीन हजार बार उड़ान भरी है और इसका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है.

तेजस में अभी हथियार फिट नहीं किये गये हैं. अगले साल के अंत तक इसे हथियारों से लैस कर दिया जायेगा. शुरुआती दौर में तेजस में करीब 40 कमियां थी, जिन्हें समय के साथ दूर कर लिया गया है. वायुसेना के बेड़े में कुल 120 तेजस विमानों को शामिल किया जाना है. सरकारी क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से पहले दो तेजस विमान वायुसेना को सौंपे जाने हैं. इससे एलसीए विमानों की पहली स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग डैगर्स’ बनाई जाएगी.

इस अवसर पर आयोजित समारोह में एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग प्रतिष्ठान में दक्षिण कमान के प्रमुख एयर मार्शल जसबीर वालिया मौजूद रहेंगे. स्क्वाड्रन पहले दो साल बेंगलुरु में ही रहेगी. इसके बाद तमिलनाडु के सुलुर स्थानांतरित कर दी जाएगी. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने 17 मई को स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को उड़ाया था.

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