उत्तराखंड में बादल फटा, भारी बारिश से 30 लोगों की मौत
पिथौरागढ : उत्तराखंड के पिथौरागढ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में आज तडके भारी बारिश होने और बादल फटने से 30 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये. पिथौरागढ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हुई और […]
पिथौरागढ : उत्तराखंड के पिथौरागढ और चमोली जिले के विभिन्न हिस्सों में आज तडके भारी बारिश होने और बादल फटने से 30 लोगों की मौत हो गयी तथा दर्जनों घर जमींदोज हो गये और मलबे में कई लोग दब गये. पिथौरागढ जिले के सिंघली क्षेत्र में बादल फटने से आठ लोगों की मौत हुई और 25 अन्य लापता बताये जा रहा हैं. इलाके में एनडीआरएफ की टीम पहुंच चुकी है और बचाव कार्य जारी है.
#Uttarakhand: Visuals of rescue operations being carried out by SDRF in worst-hit Bastadi village of Pithoragarh. pic.twitter.com/xYcVKAFmxe
— ANI (@ANI) July 1, 2016
वहीं गोपेश्वर जिले के सिरोन गांव में दो व्यक्ति और सिथेल गांव में एक व्यक्ति गीली मिट्टी के साथ बह गये तथा एक अन्य की मौत भारी बारिश की चपेट में आकर हो गई.एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने बताया, कुछ गांव भूस्खलन और बादल फटने के कारण प्रभावित हुए हैं टीम को उन गांवों तक पहुंचने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कई रास्ते बंद हैं. एक बार टीम वहां पहुंच जायेगी तो राहत और बचाव कार्य शुरू किया जा सकेंगे.
We have dispatched our NDRF teams which were already pre-positioned in #Uttarakhand: NDRF DG OP Singh pic.twitter.com/Auee0v6kmy
— ANI (@ANI) July 1, 2016
पिथौरागढ के जिलाधिकारी हरीश चंद्र सेमवाल ने कहा, ‘हमने सिंघली क्षेत्र से पांच शव बरामद किये हैं और थल गांव से भी तीन शव मिले हैं. सेना और अर्धसैनिक बलों के कर्मियों की मदद से चलाये जा रहे तलाशी अभियान के जरिये अन्य शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है.’
#Uttarakhand cloudburst: 30 people dead, major rivers flowing above danger level mark (Visuals from Chamoli) pic.twitter.com/0s8VGWje7o
— ANI (@ANI) July 1, 2016
उन्होंने बताया कि बादल फटने से प्रभावित गांवों में लापता हुए लोगों की तलाश के लिये पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. सेमवाल ने कहा कि पिथौरागढ जिले में बादल फटने से प्रभावित हुए सात गांवों में कई मकान जमींदोज हो गये. मौके पर मौजूद पिथौरागढ के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी आर एस राणा ने बताया कि जिले के डीडीहाट क्षेत्र के सिंघली क्षेत्र के सात गांवों से लापता हुए करीब 25 लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और जिला पुलिस की मदद से ढूंढने के प्रयास किये जा रहे हैं.
Visuals of areas affected by cloudburst and heavy rains in Chamoli #Uttarakhand pic.twitter.com/pGHOJMhDn5
— ANI (@ANI) July 1, 2016
कई स्थानों पर बादल फटने की सूचना
आपदा प्रबंधन अधिकारी के मुताबिक, क्षेत्र के सिंघली के अलावा पटथाकोट, ओगला और थल गांव बादल फटने से प्रभावित हुए हैं जहां कई लोग मलबे में दब गये हैं. राणा ने बताया कि बचाव दल उन्हें ढूंढने और बाहर निकालने में जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में केवल दो घंटे के भीतर 100 मिलीमीटर बारिश होने के चलते बादल फटने से 50 वर्ग किलोमीटर के इलाके में व्यापक तबाही हुई है. इलाके के लोगों का भी कहना है कि पिछले 100 साल में पहली बार क्षेत्र में इतने बडे पैमाने पर बादल फटने की घटना सामने आयी है. उधर, चमोली के उपजिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि जिले के घाट क्षेत्र में एक व्यक्ति के मरने की सूचना मिली है और एक अन्य व्यक्ति सिथेल में गीली मिट्टी के साथ बह गया. दो अन्य व्यक्ति सिरोन गांव में बह गये.
#Uttarakhand cloudburst: Roads blocked due to landslides, being cleared in Chamoli district pic.twitter.com/toGYx7Xt7d
— ANI (@ANI) July 1, 2016
रावत ने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख देने की घोषणा की
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिथौरागढ और चमोली जिले में गत दिवस से हो रही भारी वर्षा, भूस्खलन और बादल फटने की घटना में मृत लोगों के प्रति गहरा दु:ख व्यक्त किया है और उनके परिजनों को दो-दो लाख रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की है. यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि यह दु:खद घटना है और राज्य सरकार इस घडी में प्रभावितों के साथ खडी है. उन्होंने जिलाधिकारियों को घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने और उन्हें राहत राशि शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं. रावत ने संबंधित जिलाधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के साथ ही गढवाल और कुमाउं, दोनों मण्डलों के आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की स्वयं निगरानी करें.
आपदा राहत की टीम को तेजी लाने का निर्देश
रावत ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन के सहयोग के लिये राज्य आपदा मोचन बल (एस.डी.आर.एफ) को तत्काल रवाना किया जाये. उन्होंने कहा कि प्रभावितों की सहायता के लिए हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को प्राकृतिक आपदा की घटनाओं की जानकारी मुख्य सचिव को निरंतर उपलब्ध कराने तथा नदियों के किनारे निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को भी कहा है. गौरतलब है कि मौसम विभाग ने कल उत्तराखंड के अधिकतर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही छिटपुट स्थानों, खास तौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी.
यहां मौसम केंद्र द्वारा कल शाम जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंह नगर, चंपावत, अल्मोडा, पौडी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में आज सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश तथा अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है. मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिये गये थे.