UN से भारत की मांग, आतंकवादियों को बढावा देने वाले देशों को जिम्मेदार बनाया जाए

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि आतंकी हमलों के जिम्मेदार लोगों और आतंक को पनाह देने वाले देशों को जिम्मेदार बनाया जाए और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र सम्मेलन (सीसीआइटी) को समय पूर्व अपनाए जाने पर जोर दिया जाए. संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद निरोधी रणनीति के पांचवी समीक्षा के मौके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2016 3:22 PM

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि आतंकी हमलों के जिम्मेदार लोगों और आतंक को पनाह देने वाले देशों को जिम्मेदार बनाया जाए और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र सम्मेलन (सीसीआइटी) को समय पूर्व अपनाए जाने पर जोर दिया जाए. संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद निरोधी रणनीति के पांचवी समीक्षा के मौके पर कल संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘वैश्विक स्तर के और हमें प्रभावित करने वाले सभी खतरों में से आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा है. यह दुनियाभर के निर्दोष लोगों के जीवन को प्रभावित करता है.’

अकबरुद्दीन ने यहां भारत के दृढ विश्वास को जताया कि कोई भी धर्म, औचित्य, राजनैतिक उद्देश्य या तर्क आतंकवाद को सही नहीं ठहराती है. उन्होंने आगे कहा, ‘आतंकी हमलों के जिम्मेदार लोग और वे देश जो आतंकवाद को बढावा और पनाह देते हैं उन्हें जिम्मेदार बनाए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि कोई भी देश आतंकवाद के खिलाफ अकेला लडाई नहीं लड़ सकता है. उन्होंने कहा, ‘इस खतरे से कोई भी देश अछूता नहीं है. ऐसे जघन्य हमलों के पीडित किसी एक देश, जाति या विचारधारा के नहीं हैं.’

193 सदस्यीय महासभा ने आतंकवाद निरोधी रणनीति की पांचवी समीक्षा जारी रखते हुए आतंक को जड से खत्म करने की दिशा में तेजी से, संयुक्त रूप से और प्रभावशाली ढंग से काम करने और ऐसे प्रयासों को दोगुना करने के तरीकों के प्रस्ताव को स्वीकार किया. अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत स्वीकार किए गए ज्यादातर प्रस्तावों के साथ व्यापक सहमति में है लेकिन उन्होंने आतंक पर समग्र सम्मेलन के ‘अधूरे एजेंडे’ पर निराशा जताई.

उन्होंने कहा, ‘हमारे विचार से इससे ऐसा संदेश जाता है कि दुनियाभर में तेजी से बढ रही आतंकी गतिविधियों से हम अब तक अछूते हैं.’ उन्होंने सभी प्रतिनिधि मंडलों से सम्मेलन को जल्द से जल्द और यूएनजीए के 71वें सत्र से पहले पूरा करने के लिए समझौत पर सहमति बनाने के लिए ‘गंभीर प्रयास’ करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा, ‘इससे यह संदेश जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय वर्तमान व्यवस्था की कमियों को दूर कर आतंकवाद के खिलाफ कडे कदम उठाने के लिए दृढ निश्चयी है.’

भारत अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र सम्मेलन को जल्द अपनाए जाने की मांग कर रहा है. यह कानून लंबे समय से लंबित है. इसके तहत कोई भी देश आतंकी समूहों को पनाह या पैसा नहीं देने के लिए बाध्य होगा. आतंक से लडाई को व्यापक कानूनी रूप देने के लिए भारत ने 1996 में सीसीआइटी का दस्तावेज को लाने की पहल की थी लेकिन यह सम्मेलन देशों द्वारा अपनाया नहीं गया क्योंकि कई देश आतंकवाद की परिभाषा पर खुद को ‘फंसा हुआ’ पाते हैं.

Next Article

Exit mobile version