जेटली ने कहा, नाकाम कांग्रेस, अराजक आप हमारे लिए फायदेमंद
नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आज दावा किया कि आम आदमी पार्टी के जरिए भाजपा की स्पष्ट बढ़त को रोक पाने की कांग्रेस की रणनीति असफल हो गई है और आगामी लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनना तय है. उन्होंने कहा कि नाकाम कांग्रेस, अराजक आप और […]
नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आज दावा किया कि आम आदमी पार्टी के जरिए भाजपा की स्पष्ट बढ़त को रोक पाने की कांग्रेस की रणनीति असफल हो गई है और आगामी लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनना तय है. उन्होंने कहा कि नाकाम कांग्रेस, अराजक आप और अस्तित्वहीन तीसरा मोर्चा ‘मोदी लहर’ बढ़ाने में मददगार साबित हो रहे हैं.
जेटली ने कहा, ‘‘अब तक भाजपा के पारंपरिक आलोचक कांग्रेस के पीछे लामबंद होते थे. लगता है वे अब यह उम्मीद खो चुके हैं कि कांग्रेस भाजपा या मोदी को रोकने का साधन बन सकती है. कुछ समय के लिए उन्होंने कल्पना की थी कि भाजपा की लहर को आप के जरिए रोका जा सकता है. लेकिन आप ने इस कहावत को चरित्रर्थ कर दिया है कि ‘राजनीति में एक सप्ताह बहुत अधिक होता है’.’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि आप ने अस्वीकार्य और गैर-जिम्मेदाराना आचरण का परिचय दिया है. कांग्रेस ने इस आचरण के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उसकी आलोचना तक ही खुद को सीमित रखा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आप को एक कमजोर जीवनदान दिया जिसे उसने स्वीकार कर लिया. ‘‘आप का गैर-जिम्मेदारना आचरण और कांग्रेस पार्टी के उसके आगे हथियार डालने की घटना ने एक ऐसी पार्टी की सरकार बनने की सोच को और बल दिया है जो स्थिर और मजबूत हो.’’ जेटली के अनुसार वर्तमान परिदृश्य संकेत देता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में केवल एक पार्टी ही तीन का आंकड़ा आसानी से पार कर पाएगी और सबसे आगे रहने वाली तथा उसके पीछे आने वाली पार्टी के बीच का फासला बहुत अधिक होगा.
उक्त स्थिति को पेश करते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘‘ऐसे में कौन सरकार बनाएगा? यह वह सवाल है जो मतदाताओं की पसंद को बनाने में शायद सबसे महत्वूपर्ण भूमिका निभाएगा.’’अपने निष्कर्ष में जेटली ने कहा, ‘‘एक नाकाम कांग्रेस, एक अराजक आप, एक अस्तित्वहीन तीसरा मोर्चा भाजपा और मोदी लहर को बढ़ाने में मददगार ही साबित होगा.’’ कांग्रेस के बारे में उन्होंने कहा कि वह अधिकतर राज्यों में अपनी संख्या गंवाएगी और शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां वह 2009 के अपने आंकड़े को बढ़ा पाए.
उनके अनुसार, ऐसे में जैसे जैसे चुनाव करीब आते जाएंगे, सबसे आगे रहनी वाली पार्टी की छवि बनने के कारण भाजपा के पक्ष में वोट और अधिक जुटते जाएंगे.
उन्होंने यह तर्क भी दिया कि आगामी चुनाव के एक बार अर्ध-राष्ट्रपति पद्धति की शक्ल में आ जाने (मोदी और राहुल के बीच मुकाबला) पर प्रधानमंत्री के रुप में नरेन्द्र मोदी के पक्ष में वोटों का बहाव और बढ़ेगा.