जानिये कौन हैं ढाका आतंकी हमले को लेकर विवादों में आये डॉ जाकिर नाइक

नयी दिल्ली : डॉ जाकिर नाइक यह नाम पहली बार विवादों में नहीं है. इससे पहले भी धर्म की चर्चा परिचर्चा में खूब विवादों में रहा है. डॉ जाकिर नाइक और दूसरे धर्म के जानकार कई बार बहस कर चुके हैं. जाकिर का नाम आज एक बार फिर विवादों में है. इस बार उनपर किसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2016 4:51 PM

नयी दिल्ली : डॉ जाकिर नाइक यह नाम पहली बार विवादों में नहीं है. इससे पहले भी धर्म की चर्चा परिचर्चा में खूब विवादों में रहा है. डॉ जाकिर नाइक और दूसरे धर्म के जानकार कई बार बहस कर चुके हैं. जाकिर का नाम आज एक बार फिर विवादों में है. इस बार उनपर किसी धर्म गुरू ने टिप्पणी नहीं की बल्कि आतंकवादियों ने उनके नाम की चर्चा करते हुए कहा है कि वो उनसे प्रभावित थे. इस्लाम और धर्मों पर विशेष रुचि रखने वाले डॉ जाकिर नाइक को जानते हैं लेकिन कई लोग नाइक से परिचित नहीं हैं आइये जानते हैं कौन है डॉ जाकिर नाइक ?

जन्म औरशुरुआतीशिक्षा
जाकिर नाइक का पूरा नाम ज़ाकिर अब्दुल करीम नाइक है. उनका जन्म मुंबई में 18 अक्टूबर 1965 को हुआ. उन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. डॉ नाइक ने इस्लाम समेत दूसरे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा और इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष बन गये. इसके अलावा उनकी तकरीर ( पब्लिक स्पीकर) भी खूब चर्चित होने लगी.जाकिर1991 से सक्रिय हुए और धीरे-धीरे अपनी अलग पहचान बनाने लगे.
कई लोगों ने प्रभावित होकर कबूला इस्लाम
डॉ जाकिर नाइक की तकरीरों में कई लोगों को इस्लाम कबूल करते देखा जा सकता है. उनका अपना टीवी चैनल भी है जो उनकी तकरीरों को प्रसारित करता है. इन सभाओं में कई लोग जो दूसरे धर्म से हैं उनसे सवाल कर सकते हैं और प्रभावित होकर इस्लाम कबूल लेते हैं. न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी डॉ जाकिर तकरीरें करते हैं. हालांकि कई देशों ने जाकिर पर प्रतिबंध लगा रखा है जिनमें कनाडा और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं.
ओसामा को आतंकी मानने से किया इनकार किया
9 /11 अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले का मास्टरमाइंड और अलकायदा का प्रमुख नेता ओसामा बिन लादेन था. दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश या कुछ ऐसे लोग हों जो इसे आतंकी ना मानते हों लेकिन डॉ जाकिर नाइक ने एक टीवी डिबेट में इसे आतंकी मानने से इनकार कर दिया. इसके पीछे जाकिर का तर्क था कि इस्लाम में किसी व्यक्ति पर पुख्ता जानकारी के बगैर टिप्पणी करने की इजाजत नहीं है.
कई बार विवादों में रहे डॉ जाकिर
जाकिर इस्लाम की तुलना में दूसरे धर्मों को तवज्जों नहीं देते. अन्य धर्मों की पुस्तकों की चर्चा करते हुए वो इनकी तुलना इस्लाम से करते हैं. वो तुलना करके यह बताते हैं कि इस्लाम में किसी खास विषय पर क्या कहा गया है और दूसरे धर्मों में क्या मान्यता है. मुसलमानों के "भारत माता की जय" ना कहने पर भी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था यह इस्लाम में वर्जित है. उन्होंने एक तकरीर में हिंदुओं को भी नसीहत देते हुए कहा था कि हिंदुओं को भी वंदे मातरम नहीं करना चाहिए.

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