ढाका हमले को अंजाम देन वाले आतंकियों में से दो इसलामिक धर्मगुरु डॉ जाकिर नाइक के विचारों से प्रभावित थे. अब इसकी जांच एनआइए ने शुरू कर दी है. वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि अगर औपचारिक जानकारी मिली, तो कार्रवाई होगी.
नयी दिल्ली/मुंबई : ढाका हमले के आतंकियों के मुंबई में रहनेवाले इसलामिक धर्म गुरु डॉ जाकिर नाइक का फॉलोअर होने की खबर आने के बाद भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं. एजेंसियों ने जाकिर नाइक के भाषणों और उनकी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है. वहीं, बुधवार को मुंबई पुलिस की एक टीम ने नाइक की संस्था इसलामिक रिसर्च फाउडंशेन मे कई लोगों से पूछताछ की.
खबरों के मुताबिक, ढाका हमले में शामिल दो आतंकी निब्रास इसलाम और रोहन इम्तियाज के भाषणों से प्रभावित थे. यह खबर मीडिया में आने के बाद एनआइए ने नाइक के बारे में जानकारी जुटा रही है. यदि नाइक के खिलाफ सबूत मिलता है, तो उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी नाइक की मुसलिम समुदाय के एक बड़े तबकों में बढ़ती लोकप्रियता को भी एक खतरे के तौर पर देख रही है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें इस बात की जांच करनी होगी कि क्या भाषणों में आतंकवाद को सही ठहराया गया है, जिहाद के जरिये खिलाफ के गठन की बात कही गयी है या किसी प्रतिबंधित आतंकी संगठन की तारीफ की गयी है. उन्होंने कहा कि हमें नाइक के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पूरे सबूत जुटाने होंगे, ताकि कोर्ट में उन सबूत को रखा जा सके.
सूत्रों के मुताबिक, नाइक के सऊदी अरब से लौटने के बाद एनआइए उनसे पूछताछ कर सकती है. फिलहाल, वह ‘उमराह’ के लिए सऊदी अरब गये हैं. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, जाकिर नाइक की संस्था इसलामिक रिसर्च फाउडेशन के पीस टीवी पर प्रसारित होनेवाले प्रोपेगैंडा वीडियोज से प्रभावित होकर ही आतंकियों ने ढाका हमले को अंजाम दिया था. अवामी लीग के नेता का बेटा आतंकी रोहन इम्तियाज फेसबुक पर बीते एक वर्ष से प्रोपेगैंडा चला रहा था, जिनमें वह नाइक के भाषणों का हवाला दिया था.
वहीं, निब्रास आइएस के लिए भर्ती करनेवाले दो संदिग्धों अंजम चौधरी और शामी विटनेस को 2014 में ट्विटर पर फॉलो करता था. शामी विटनेस मेहदी बिस्वास का ट्विटर एकाउंट है, जो आइएस के लिए दुष्प्रचार के मामले में भारत में सुनवाई का सामना कर रहा है. बता दें कि इस हमले में 22 लोग मारे गये थे.
नाइक बोले- आराेपों से हैरानी नहीं, 12 जुलाई को दूंगा जवाब
सऊदी अरब गये जाकिर नाइक 11 जुलाई को भारत लौटेंगे. 12 को वो प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और खुद पर लगे आरोपों का जवाब देंगे. इसके लिए नाइक की संस्था ने एक पीआर एजेंसी से भी संपर्क किया है.
पीस टीवी के दो करोड़ दर्शक
इस बीच, नाइक ने कहा कि मेरे फेसबुक पर एक करोड़ चालीस लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. दो करोड़ से ज्यादा लोग पीस टीवी के जरिये उर्दू, बंगाली और चीनी भाषा में मुझे सुनते हैं. मेरे फेसबुक फॉलोअर्स की एक बड़ी संख्या बांग्ला देश से है. करीब 90 प्रतिशत बांग्ला देशी मुझे पहचानते हैं, जिसमें नेता, आम आदमी और छात्र शामिल हैं. इसमें लाखों मेरे फैन हैं. हमलावर मुझे जानते हैं ये जानकर क्या मुझे हैरानी होनी चाहिए थी?… नहीं.
कौन हैं डॉ जाकिर नाइक
डॉ जाकिर नाइक का जन्म मुंबई में 18 अक्तूबर, 1965 को हुआ था. वह पेशे से डॉक्टर हैं. इसलामिक धर्मगुरु के नाम पर मशहूर हैं और लेखक एवं एक अच्छा वक्ता भी हैं. इसके अलावा वो इसलामिक रिसर्च फांउडेशन या आइआरएस के फाउंडर और प्रेसिडेंट हैं. इनका फाउंडेशन पीस टीवी चैनल भी चलाता है. दावा है कि इसे दुनियाभर में करीब दो करोड़ लोग देखते हैं. नाइक के फेसबुक पर एक करोड़ 14 लाख फॉलोअर हैं. हालांकि, ब्रिटेन, मलयेशिया, कनाडा में पीस टीवी और इनके प्रवेश पर बैन लगा है.
विवादों से पुराना नाता
– 2009 में न्यू यॉर्क के सब-वे में फिदायीन हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार नजीबुल्ला जाजी के दोस्तों ने बताया था कि वो डॉ नाइक के भाषणों को टीवी पर देखता था.
– 2006 में मुंबई बम धमाकों का आरोपी राहिल शेख भी नाइक से प्रभावित था.
– 2007 में बैंगलुरु निवासी कफील अहमद ग्लासगो एयरपोर्ट को उड़ाने की कोशिश करते हुए घायल हो गया. जांच में पता चला कि वो नाइक का फॉलोअर था.
– जाकिर नाइक अलकायदा सरगना बिन लादेन को आतंकवादी नहीं थे.
रजा अकादमी की मांग, भाषणों और संगठन पर लगे प्रतिबंध
जाकिर नाइक के भाषणों और उनके संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू हो गयी है. इसलामिक संगठन रजा अकादमी ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि नाइक के संगठन इसलामिक रिसर्च फाउडेशन पर प्रतिबंध लगे. इसके साथ ही नाइक के आतंकी कनेक्शन की भी जांच हो. नाइक के पास इतने पैसे कहां से आते हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए.
जानकारी मिली, तो कार्रवाई होगी
ढाका हमले में जाकिर नाइक कनेक्शन सामने आने के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि बांग्ला देश ने इस बारे में बात नहीं की है. अगर कोई औपचारिक जानकारी आती है, तो कार्रवाई की जायेगी. सरकार मामले पर नजर रखे हुए है. अभी कार्रवाई को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है. एनआइए ने जांच शुरू कर दी है. उनके भाषण चिंताजनक है.