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जावड़ेकर ने कहा, बच्चों को सवाल पूछने से रोकने के बजाय उन्हें सवाल पूछने दें

नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत में नवोन्मेष की कमी है क्योंकि स्कूलों में छात्रों को सवाल पूछने से हतोत्साहित किया जाता है जिसे जारी रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. जावड़ेकर ने कहा कि जब तक आप (छात्र) प्रतिकार नहीं करेंगे, […]

नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत में नवोन्मेष की कमी है क्योंकि स्कूलों में छात्रों को सवाल पूछने से हतोत्साहित किया जाता है जिसे जारी रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

जावड़ेकर ने कहा कि जब तक आप (छात्र) प्रतिकार नहीं करेंगे, यथास्थिति को चुनौती नहीं देंगे, तब तक आप कैसे किसी भी चीज में नवाचार ला सकते हैं. शिक्षा में नवोन्मेष की मोदी सरकार की सोच का जिक्र करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘ नवोन्मेष मुख्य रुप से प्रतिकार करने की प्रक्रिया है. जब तक आप प्रतिकार नहीं करेंगे, यथास्थिति को चुनौती नहीं देंगे तब तक आप किसी चीज में नवाचार कैसे ला सकेंगे.
” जावड़ेकर ने सवाल किया, ‘‘ भारम में नवोन्मेष की कमी क्यों है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें सवाल नहीं करने दिया जाता है. हम जिज्ञासा को प्रोत्साहित नहीं करते हैं. अगर स्कूल में कोई छात्र सवाल पूछता है, तो उसे बैठने को कह दिया जाता है. ऐसा जारी नहीं रहना चाहिए. हमें छात्रों की जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना चाहिए, बच्चों को सवाल पूछने दिया जाना चाहिए. ”
जावड़ेकर ने कहा कि अगर बच्चों को जिज्ञासा हल करने को प्रोत्साहित किया जायेगा तब नवोन्मेष आयेगा क्योंकि यथास्थिति को चुनौती दी जायेगी और बदालाव आयेगा.
आनंद बाजार पत्रिका समूह के एक समारोह को संबोधित करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंत्र सतत विकास है जो प्रकृति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाले लेकिन विकास को सुनिश्चित करे और इसके लिए नवोन्मेष महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आईटी क्षेत्र में विकास के जरिये मीडिया उद्योग में क्रांति लाई जा सकती है. नये विचारों से बदलाव लाया जा सकता है. कुछ लोग निराशावादी हैं लेकिन हमें सकारात्मक होना चाहिए और नवोन्मेष की ओर देखना चाहिए.

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