नयी दिल्ली: आर्थिक वृद्धि की कीमत पर मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के आर्थिक विचार के आलोचक रहे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि सिर्फ भारत को नुकसान पहुंचाने के खतरनाक इरादे रखने वाले ही इससे अलग विचार रख सकते हैं.स्वामी रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के उस रुख के मुखर आलोचक रहे हैं जिसमें मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए ब्याज दर कम न करने की नीति अपनायी गयी है. भाजपा नेता स्वामी ने ट्विटर पर कहा कि उन्होंने करीब 50 साल तक अमरीकियों को अर्थशास्त्र पढ़ाया है.
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स्वामी ने कहा, मुझे किसी बैसाखी की जरूरत नहीं
नयी दिल्ली: आर्थिक वृद्धि की कीमत पर मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के आर्थिक विचार के आलोचक रहे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज कहा कि सिर्फ भारत को नुकसान पहुंचाने के खतरनाक इरादे रखने वाले ही इससे अलग विचार रख सकते हैं.स्वामी रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के उस रुख के मुखर आलोचक रहे हैं […]
स्वामी ने कहा, ‘‘ सिर्फ अर्थशास्त्र न जानने वाले या भारत को नुकसान पहुंचाने के खतरनाक इरादे वाले व्यक्ति की सोच ही इससे अलग हो सकती हैं.’ स्वामी ने यह बात ट्विटर पर अपने एक फॉलोअर्स के सवाल के जवाब में यह बात कही जिसने उनसे इस विषय पर नोबल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री जोसफ स्टिग्लिज के बयान पर टिप्पणी देने को कहा था.
अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टिगलिट्ज ने कहा था कि भारत को मुद्रास्फीति को लेकर ज्यादा परेशान होने के बजाय आर्थिक वृद्धि पर अधिक ध्यान देना चाहिए. स्वामी ने अपने फॉलोअर्स को जबाव देते हुए ट्वीट किया कि उनको अपने विचारों को स्थापित करने के लिए किसी और के समर्थन (जीवनरेखा) की जरूरत नहीं है. उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘समर्थन? मुझे किसी और की बैसाखी की जरूरत नहीं है जैसा कि अन्य गैर देशभक्त भारतीयों को जरुरत पडती है. मैंने 50 साल तक अमरेकियों को अर्थशास्त्र पढाया है.’ स्टिग्लिज ने कहा था कि मुदास्फीति पर ज्यादा देने से उच्च स्तर पर बेरोजगारी और कम वृद्धि की स्थिति पैदा हो सकती है.
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