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केरल के लापता 15 युवकों पर आईएस में शामिल होने का संदेह, जांच के आदेश

तिरुवनंतपुरम/कोच्चि: पश्चिम एशिया गए केरल के 15 युवकों के कथित रूप से पिछले एक माह से लापता होने और उनके आईएस में शामिल होने का संदेह जताए जाने के बाद केरल सरकार ने आज जांच की घोषणा की और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे ‘‘एक बेहद गंभीर मामला” बताया. केरल के कासरगोड और पलक्कड जिलों […]

तिरुवनंतपुरम/कोच्चि: पश्चिम एशिया गए केरल के 15 युवकों के कथित रूप से पिछले एक माह से लापता होने और उनके आईएस में शामिल होने का संदेह जताए जाने के बाद केरल सरकार ने आज जांच की घोषणा की और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे ‘‘एक बेहद गंभीर मामला” बताया. केरल के कासरगोड और पलक्कड जिलों के इन युवकों के परिवार वालों ने बताया कि उन्हें इन युवकों के बारे में पिछले एक माह से कोई जानकारी नहीं मिली है. लापता लोगों में एक दंपति शामिल है. परिवार वालों को संदेह है कि पश्चिम एशिया में धार्मिक अध्ययन के सिलसिले में गये इन युवकों को कट्टरपंथ ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है. लापता लोगों की उम्र 30 साल से कम हैं. वे उच्च शिक्षाप्राप्त हैं और उनमें डॉक्टर भी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने कोच्चि में पत्रकारों को बताया कि यह मामला उस वक्त सामने आया जब युवकों के परिवारों को शक हुआ कि हो सकता है कि वे आईएस में शामिल हो गए होंगे। उन्होंने अपने स्थानीय निर्वाचित प्रतिनिधियों से संपर्क किया जिनमें एक सांसद शामिल है.लापता युवकों में से कुछ कासरगोड जिला के 11 पड़ना और त्रिकारीपुर के हैं जबकि अन्य पलक्कड जिला के हैं. राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने कहा कि कासरगोड में इसकी विस्तृत जांच की जाएगी. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर वे उनके(आईएस के) जाल में फंस गए और वहां (आईएस के इलाके में) पहुंच गए हैं तो यह एक बेहद मुश्किल मुद्दा होगा. इस मुद्दे की विस्तृत जांच की जाएगी.
इससे पहले, कासरगोड के सांसद पी करुणाकरण ने बतायाकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पुलिस को मामले की फौरन जांच करने के आदेश दिए हैं.कासरगोड जिला पंचायत के सदस्य वी पी पी मुस्तफा ने बताया कि ईद के दौरान लापता हुए इन युवकों में से दो के माता-पिता के पास ‘वॉट्सएप्प’ पर संदेश आए थे जिनमें लिखा था, ‘‘ हम वापस नहीं आएंगे. यहां रुहानी माहौल है. आपको भी यहां आ जाना चाहिए.” उन्होंने बताया कि एक अन्य संदेश में लिखा था, ‘‘हम आईएस में शामिल हो गए हैं ताकि मुसलमानों पर हमला करने वाले अमेरिका से लड सके.” मुस्तफा ने बताया कि इन संदेशों की सच्चाई की जांच अभी की जानी है.
लापता युवकों के परिवार वालों ने जब करुणाकरण, त्रिकरीप्पुर के विधायक एम राजगोपालन और मुस्तफा से संपर्क किया तो इन नेताओं ने मुख्यमंत्री को इस मामले की जानकारी दी. राजगोपालन ने कहा कि लापता हुए सभी युवकों की उम्र 30 से कम है और सभी उच्च शिक्षा प्राप्त हैं.करुणाकरण ने आज कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने पुलिस को मामले की जल्द से जल्द जांच करने के आदेश दिए हैं.” उन्होंने बताया कि लापता युवकों के परिवार वालों ने कल उनसे मुलाकात कर उन्हें मामले की जानकारी दी थी. कासरगोड के लापता युवकों में शामिल हफीजुद्दीन के पिता हाकिम ने टीवी चैनलों को बताया कि उनका बेटा एक माह पहले घर से गया था और तब से उन्हें उसकी कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘ अगर वह एक अच्छे इंसान की तरह लौटता है, तो मैं उसका स्वागत करुंगा. अगर ऐसा नहीं होता तो मैं उसकी लाश भी नहीं देखना चाहूंगा.
करुणाकरण ने कहा कि परिवार के सदस्यों ने उन्हें बताया कि सभी युवक एक माह पहले यह कहकर पश्चिम एशिया गए थे, कि वे वहां धार्मिक अध्ययन के लिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से उनके परिवार वालों को उनकी कोई खैर-खबर नहीं मिली है और इसलिए वह शंका में हैं. मुस्तफा ने कहा कि लापता लोगों में डॉ इजाज और उनकी दंत चिकित्सक पत्नी भी शामिल हैं. दोनों घर से यह कहकर गए थे कि वे लक्षद्वीप जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग में स्नातक अब्दुल रशीद अपनी पत्नी और एक बेटी के साथ यह कह कर घर से गया था कि वे नौकरी के लिए मुंबई जा रहे हैं. मुस्तफा ने कहा कि सभी युवक मध्यवर्गीय परिवार के हैं और पिछले दो साल से मजहबी मामलों में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे थे. बिंदू ने बताया कि शादी के बाद इस्लाम कबूल करने वाली उसकी गर्भवती युवा बेटी भी लापता लोगों में शामिल है.
उसने बताया कि उसकी बेटी निमिषा कासरगोड में दंतचिकित्सा के अंतिम वर्ष की छात्रा थी. निमिषा ने एक ईसाई युवक से शादी की थी। शादी के बाद निमिषा और उसके पति दोनों ने इस्लाम कबूल किया कर लिया था. तिरुवनंतपुरम से ताल्लुक रखने वाली बिंदू ने टीवी चैनलों को बताया कि उसे 18 मई को अपनी बेटी का फोन आया था जिसमें उसने उसे बताया था कि वह अपने पति के साथ कारोबारी यात्रा में श्रीलंका जा रही है.
बिंदू ने सुबकते हुए बताया कि निमिषा ने चार जून को व्हाट्सएप्प पर एक संदेश भेजा जिसमें उसने बताया कि ‘‘वह ओके है,” लेकिन उसके बाद उसका कोई अता-पता नहीं है. उसने कहा कि वह परेशान है क्योंकि उसकी बेटी अगले माह मां बनने वाली है.बिंदू ने बताया कि उसे अखबारों की रिपोर्टों से पता चला कि उसकी बेटी भी पलक्कड के चार लापता लोगों में – दो भाइयों और उनकी पत्नियों – में शामिल है.उसने दावा किया कि कुछ दिन पहले उसने एडीजीपी (खुफिया) आर. श्रीलेखा से मुलाकात की थी और उनसे अपनी लापता बेटी की तलाश में मदद मांगी थी, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला.

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