श्रीनगर : कश्मीर में जारी हिंसा में आज एक पुलिसकर्मी समेत छह और लोग मारे गये और मृतकों की संख्या 21 पहुंच गयी वहीं 200 से अधिक लोग घायल हो गये हैं. घाटी में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू है और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित बनी हुई हैं.
हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुहरान वानी की मौत के बाद फैली हिंसा के मद्देनजर आज दूसरे दिन अमरनाथ यात्रा भी निलंबित रही. कुछ फंसे हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया. बहरहाल, कश्मीर में बेस कैम्प से यात्रा जारी रही.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में हुई जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की बैठक में हालात और सुरक्षा बलों के साथ झड़प में लोगों के मारे जाने को लेकर दुख जताया गया. सरकार ने वादा किया कि अगर सुरक्षा बलों की ओर से अनुचित ढंग से बल प्रयोग किया गया है तो उसकी जांच हागी. सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा भड़काने वालों के कुचक्र में नहीं फंसे.
कैबिनेट ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी अलगाववादियों और नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और माकपा जैसी मुख्यधारा की पार्टियों से अपील की है कि वे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करें. दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घाटी में हालात की समीक्षा की और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया.
राज्य पुलिस ने भी प्रदर्शनकारियों से हिंसा नहीं करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे सही परिणाम नहीं निकलेंगे और वे युवाओं को मारने से बचना चाहते हैं. कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू है लेकिन कई जगहों से हिंसा की खबरें आईं हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आज सुबह पुलवामा के नेवा में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष में 18 साल का इरफान अहमद मलिक गंभीर रुप से घायल हो गया.
उन्होंने कहा कि इरफान को यहां एसएमएचएस अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उसकी मौत हो गयी. अधिकारी के अनुसार एक अज्ञात शख्स को गंभीर हालत में जिला अस्पताल पुलवामा लाया गया लेकिन उसकी मृत्यु हो गयी. अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के संगम में भीड ने एक चल बंकर वाहन को झेलम नदी में धकेल दिया जिससे उसमें सवार पुलिस चालक फिरोज अहमद की मौत हो गयी.
अधिकारी ने बताया कि एक अन्य घटनाक्रम में कल रात पुलवामा जिले के त्राल इलाके में आतंकवादियों ने एक हेड कांस्टेबल के घर पर उनकी दोनों टांगों में गोली मार दी. प्रदेश के शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि कल दमहाल हांजीपुरा में एक थाने पर भीड़ के हमले के बाद लापता तीन पुलिसकर्मियों का अब तक पता नहीं चला है. आज भीड़ ने एक और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया.
अधिकारी ने कहा कि जब अनंतनाग जिले के अचबल इलाके में एक पुलिस चौकी पर भीड़ ने पथराव किया तो सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन युवक जख्मी हो गये. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि घाटी में हालात आज नियंत्रण में रहे, हालांकि आगजनी और भीड़ के हमलों की घटनाएं हुई है.
उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि चरमपंथी गोलीबारी कर रहे हैं और पुलिस एवं सीआरपीएफ पर हथगोले फेंक रहे हैं. एक और युवक श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर कस्बे में आज गोली लगने से घायल हो गया. दक्षिण कश्मीर में विभिन्न जगहों पर कम से कम छह अन्य लोगों को मामूली चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गत शुक्रवार को कोकरानाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान वानी की मौत के बाद दक्षिण कश्मीर में बड़े स्तर पर प्रदर्शन देखे जा रहे हैं.
अधिकारी ने कहा कि कल हिंसक संघर्ष में घायल हुए चार लोगों की रात में मौत हो गयी. अब तक मिली सूचनाओं के अनुसार दिनभर चले संघषोंर् में 96 सुरक्षाकर्मियों समेत 200 से अधिक लोग घायल हो गये हैं. इन संघर्षों के दौरान भीड़ ने पुलिस के तीन ठिकानों को, तीन प्रशासनिक कार्यालयों को, एक पीडीपी विधायक के घर को, कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और भाजपा के एक दफ्तर पर भी निशाना साधा.
शांति बनाये रखने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य की जनता के सामने आ रहे मुद्दों का समाधान करने के लिए आंतरिक और बाहरी मोर्चे पर सुलह के प्रयास करते हुए लोगों से संपर्क साधे ताकि हिंसा रके जिसने मौत और तबाही का तांडव मचा रखा है.
महबूबा ने कल रात जारी बयान में कहा, ‘‘कश्मीरियों का दर्द ऐसे स्तर पर पहुंच गया है जहां अगर राज्य और उसकी जनता से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देने के लिए वास्तविक विश्वास बहाली के कदम उठाये जाते हैं तो शांति की उम्मीद को महत्वपूर्ण स्थानीय समर्थन मिलना तय है.’
महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग चाहे जिस उम्र के हों, उनकी चाहे कोई राजनीतिक संबद्धता हो, वे पिछले दो दशक से अधिक समय से चल रहे हानिकारक उतार-चढाव के भयावह नतीजों का सामना कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अब वे शांति और स्थिरता चाहते हैं और मौजूदा परिस्थितियों में शांति के प्रयासों को मजबूत करने का अवसर भी है, बशर्ते जमीनी हालात को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने के लिए सही दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाये जाएं.’ उन्होंने आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर शांति और सुलह की पहल के लिए तात्कालिक प्रयासों पर जोर दिया.
शांति के लिए जनता का सहयोग मांगते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जनता की जरुरतों पर ध्यान देती है और उनकी समस्याओं को लेकर चिंतित है. सरकार लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं की पूर्ति के लिए विवेकपूर्ण ढंग से और पारदर्शी तरीके से काम कर रही है.
महबूबा ने सुरक्षा बलों से भीड़ नियंत्रण के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को अपनाने तथा बलों के अत्यधिक इस्तेमाल से बचने को कहा. शांति की अपील करते हुए महबूबा ने घाटी में स्थिति सामान्य करने के लिए जनता का सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि हिंसा लोगों के लिए मुसीबत लाती है और मृतकों के परिवारों के लिए दुख लाती है.
मुख्यमंत्री ने लोगों से, खासकर युवाओं से निहित स्वार्थ वाले कुचक्रों में नहीं पड़ने को कहा जिनमें कश्मीरियों की लाशों पर राजनीति की जाती है. असैन्य लोगों की मौत पर विरोध स्वरुप अलगाववादी संगठनों द्वारा बुलाई गयी हडताल की वजह से कश्मीर में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा और एहतियातन घाटी में दूसरे दिन में भी कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू रही.
कश्मीर में दूसरे दिन भी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं वहीं दक्षिण कश्मीर के इलाकों में मोबाइल फोन से संचार भी अवरद्ध रहा. एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर बताया कि 2014 में आई बाढ के समय तबाह हुई बेतार संचार प्रणाली के अब तक पूरी तरह बहाल नहीं होने की वजह से पुलिस विभाग का आंतरिक संचार भी बुरी तरह प्रभावित रहा.
उन्होंने कहा, ‘‘हम बातचीत के लिए मोबाइल फोनों का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इस समय वे भी काम नहीं कर रहे.’ सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारक समेत अलगाववादी नेता अब भी नजरबंद है, वहीं मोहम्मद यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में रखा गया है.