हिंसा के बावजूद अमरनाथयात्रियों ने कहा- बाबा बर्फानी के दर्शन कर के ही जायेंगे
जम्मू : हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की शुक्रवार को हुई मुठभेड में मौत के बाद जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में हिंसा जारी है. इस हिंसा का प्रभाव अमरनाथ यात्रा पर पड़ा है और कई अमरनाथ यात्री पिछले चार दिनों से यहां फंसे हुए हैं लेकिन उनके मन में आस्था का प्रवाह ऐसा है […]
जम्मू : हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की शुक्रवार को हुई मुठभेड में मौत के बाद जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों में हिंसा जारी है. इस हिंसा का प्रभाव अमरनाथ यात्रा पर पड़ा है और कई अमरनाथ यात्री पिछले चार दिनों से यहां फंसे हुए हैं लेकिन उनके मन में आस्था का प्रवाह ऐसा है कि वह वापस घर की ओर नहीं बाबा बर्फानी के दर्शन करने की इच्छा रखते हैं. इलाहाबाद से आये एक यात्री ने बातचीत के क्रम में कहा कि हम यहां से लौटेंगे नहीं , हम यहां बाबा बर्फानी के दर्शन करने आए हैं और करके ही जायेंगे. इन यात्रियों को जम्मू के बेस कैंप में फिलहाल ठहराया गया है. वहीं, सुमन नाम की एक महिला यात्री ने कहा कि हम इस बेस कैंप में पिछले चार दिन से हैं और हमें यहां से क्लियरेंस का इंतजार है.
We will not go back from here, we are here for Baba Barfani, will go sure: Pilgrim from Allahabad at Jammu base camp pic.twitter.com/lUz4ldnimP
— ANI (@ANI) July 11, 2016
We are stranded here (Jammu base camp) since 4 days hoping for the clearance to go ahead for Amarnath Yatra: Suman pic.twitter.com/cN4vR6i0lj
— ANI (@ANI) July 11, 2016
मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में बालटाल मार्ग से यात्रा करने वाले कई तीर्थयात्री यहां शहर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के पास फंसे हैं. तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर से रात लगभग एक बजे निकले थे और तडके श्रीनगर पहुंच गए थे. बिहार निवासी प्रमोद कुमार ने कहा कि हमने आठ जुलाई को यात्रा कर ली थी. आज आधी रात के आसपास हमें आधार शिविर से निकलने के लिए कहा गया था. उन्होंने हमें श्रीनगर जाने के लिए कहा था और बताया था कि वहां जम्मू ले जाने के लिए बसें हमारा इंतजार कर रही हैं.’ कुमार ने कहा कि जब वे श्रीनगर पहुंचे तो वहां कोई बसें नहीं थीं. उन्होंने कहा, ‘‘हम तडके तीन बजे के करीब यहां पहुंचे और तब से हम इंतजार कर रहे हैं. यहां कोई बसें नहीं हैं. हम जम्मू कैसे जाएं?’ उत्तरप्रदेश निवासी एक अन्य तीर्थयात्री बंसीलाल ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा कि श्रीनगर पहुंचने के बाद से हमें कुछ नहीं बताया गया है. कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. हम जम्मू जाना चाहते हैं लेकिन कैसे जाएं, यह पता नहीं. तीर्थयात्रियों ने अपर्याप्त इंतजामों की भी शिकायत की और कहा कि कैब चालक उंचे दाम वसूल रहे हैं. हालांकि गांदेरबल के उपायुक्त तारीक हुसैन गनई ने कहा कि प्रशासन ने लगभग 24,500 तीर्थयात्रियों के लिए बालटाल से जम्मू रवाना होने के वास्ते पर्याप्त इंतजाम किए हैं. उन्होंने कहा कि हमने लगभग 24,500 यात्रियों के जम्मू रवाना होने के लिए 1700 वाहनों का इंतजाम किया है. वाहन बालटाल से सीधे जम्मू रवाना हुए न कि श्रीनगर गए. उन्होंने कहा कि वे यात्री इस समय जम्मू के रास्ते में हैं. जो तीर्थयात्री श्रीनगर में फंसे हैं, उन्हें बालटाल में कैब चालकों ने ‘बहकाया’ होगा.
उपायुक्त ने कहा कि मुझे यही समझ आता है कि उन्हें कैब चालकों ने बहकाया होगा. हमने बीते तीन दिनों की यात्रा के श्रद्धालुओं को सीधे जम्मू भेज दिया और यह काम कल रात को पूरा हो गया था. कुछ लोग हवाई मार्ग से भी गए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसी से नहीं कहा कि श्रीनगर में बसें इंतजार कर रही हैं.’ श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद है क्योंकि यह दक्षिण कश्मीर से होकर जाता है, जहां शुक्रवार को एक मुठभेड में वानी और उसके दो साथियों की मौत के बाद हिंसा सबसे ज्यादा है. हिंसा में 23 लोग मारे जा चुके हैं और 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.