नयी दिल्ली : पिछले कुछ सालों से कांग्रेस के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष हमलों का सामना कर रहे उद्योगपति गौतम अडानी ने आखिरकार कांग्रेस के खिलाफ मुंह खोला हैं. उन्होंने चुनाव प्रचार में मोदी द्वारा अपने विमान के उपयोग पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया है. अबतक कांग्रेस या उसके नेताओं का नाम लिये बिना गौतम अडानी खुद पर लगाये जाने वालों का आरोपों का जवाब मीडिया के माध्यम से देते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे जवाब दिया है. गौतम अडानी ने कहा है कि कांग्रेस उनकी आलोचना तर्कों के बजाय राजनीतिक एंगल से कर रही है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उनके बारे में जो बातें कहीं हैं, उनमें तथ्यात्मक गलतियां हैं और जयराम रमेश राजनीतिक सुविधा के आधार पर दलीलें देते हैं. उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में माइनिंग प्रोजेक्ट क्लियरेंस का आदेश पर्यावरण मंत्री के रूप में जयराम रमेश ने दी थी और यह पर्यावरण मंत्री का पद छोड़ने से पहले उनका आखिरीएक्जक्यूटिव ऑर्डर था. ये बातें उन्होंने बिजनेस अखबार इकोनॉमिक्स टाइम्स को दिये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कही है.
गौतम अडानी ने कहा है कि रमेश गलत बात कह रहे हैं, क्योंकि वह माइन अडानी ग्रुप का नहीं बल्कि राजस्थान सरकार का है और अडानी ग्रुप उसमें सिर्फ कांट्रेक्टर की भूमिका में था. उन्होंने कहा कि जिस वक्त उसे स्वीकृति दी गयी है, उस वक्त तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी.
अडानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योग जगत के बीच सांठगांठ साबित करने की कांग्रेस की कोशिशें पहले भी विफल साबित हो चुकी है और इंडस्ट्री के ज्यादातर लोग मोदी की पक्षपात नहीं करने की नीति से तालमेल बिठाने की कोशिश में लगे हैं.
लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी द्वारा अडानी ग्रुप के विमानों का उपयोग किये जाने के आराेपों का जवाब देते हुए गौतम अडानी ने कहा है कि उनके समूह के पास चार विमान हैं और कोई भी उनका मुफ्त में उपयोग नहीं करता है. अडानी ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस जीएमआर के विमान का इस्तेमाल व्यावसायिक आधार पर नहीं करती है? उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस गलती से नहीं जानबूझ कर मुझ पर आरोप लगा रही है.
खुद के समूह पर लगाये जाने वाले जुर्माने के मुद्दे पर गाैतम अडानी ने कहा कि यूपीए सरकार द्वारा बनायी गयी कमेटी ने जिस जुर्माने की सिफारिश की थी, उसका कोई कानूनी आधार नहीं था. उन्होंने कहा कि न तो पिछली और न ही मौजूदा सरकार जुर्माने के आदेश को लागू कर सकती है.