नयी दिल्ली: कश्मीर में अशांति जारी रहने के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अपनी केन्या यात्रा बीच में ही छोड़ कर स्वदेश लौट आए और विश्वास जताया कि घाटी की स्थिति का कोई हल निकल आएगा. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केन्या दौरे पर थे.कश्मीर की स्थिति के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने डोभाल को 24 घंटे पहले स्वदेश भेज दिया. डोभाल घाटी के घटनाक्रम का अधिकारियों के साथ नियमित रूप से जायजा ले रहे हैं. कश्मीर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर समस्याएं हैं तो उनके हल भी हैं. हम समाधान निकालने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त और समर्थ हैं.’
डोभाल प्रधानमंत्री की चार अफ्रीकी देशों की यात्रा में उनके साथ गए थे. उन्हें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कल लौटना था लेकिन एनएसए जल्दी लौट आए. डोभाल ने विशेष ब्यौरा नहीं दिया लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने भरोसा जताया कि 72 घंटों में स्थिति पर नियंत्रण पा लिया जाएगा.एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘कश्मीर के लोग कानून का पालन करने वाले और पूरी तरह से आतंकवाद के खिलाफ हैं. वे शांति, खुशहाली और विकास में भरोसा करते हैं.’ सरकारी सूत्रों ने साथ ही जोर दिया कि जो लोग हथियार लेकर नागरिकों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं, उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा.सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं.
रदर्शनकारियों ने सोपोर में एक फल मंडी स्थित पुलिस थाने में आग लगा दी. हालांकि वहां तैनात कर्मी, हथियार और दस्तावेज आग से बच गए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में तनाव की स्थिति को देखते हुए डोवाल को 24 घंटे पहले ही स्वदेश रवाना कर दिया। वह अधिकारियों से घाटी में घटनाक्रमों का नियमित जायजा ले रहे हैं. डोवाल मोदी के साथ उनकी चार देशों की यात्रा पर गए थे और उनका कल आने का कार्यक्रम था.
कश्मीर में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, ‘‘ यदि समस्याएं हैं, तो उनके समाधान भी हैं. हमें समाधान निकलने का पूरा भरोसा है.’ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस पर विस्तार से चर्चा नहीं की, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने स्थिति के 72 घंटों के भीतर नियंत्रण में आने का भरोसा जताया.एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘ कश्मीर के लोग कानून का पालन करने वाले और आतंकवाद के खिलाफ हैं. वे शांति, समृद्धि और विकास में भरोसा करते हैं.’ साथ ही सरकारी सूत्रों ने जोर दिया कि हथियार उठाकर नागरिकों या सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले लोगों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित विपक्षी नेताओं से मिले और राज्य में मौजूदा स्थिति पर उनसे चर्चा की.उमर ने बाद में कहा कि उन्होंने केंद्र को बताया कि जब तक सुरक्षाबल अधिकतम संयम नहीं बरतते और प्रदर्शनकारियों को मारना बंद नहीं करते, घाटी में हिंसा नहीं रुकेगी.