संजय निरुपम ने दी आत्मदाह की धमकी

मुंबईः बिजली के दाम कम करने की मांग को लेकर संजय निरुपम ने अब आत्मदाह की धमकी दी है. संजय ने कहा है कि अगर मांगे नहीं मानी गयी, तो मैं अनिल अंबानी के घर के बाहर आत्मदाह कर लूंगा. संजय बिजली की दरों में 20 फीसदी कटौती की मांग कर रहे हैं. उन्होंने रिलांयस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2014 2:43 PM

मुंबईः बिजली के दाम कम करने की मांग को लेकर संजय निरुपम ने अब आत्मदाह की धमकी दी है. संजय ने कहा है कि अगर मांगे नहीं मानी गयी, तो मैं अनिल अंबानी के घर के बाहर आत्मदाह कर लूंगा.

संजय बिजली की दरों में 20 फीसदी कटौती की मांग कर रहे हैं. उन्होंने रिलांयस पर रेग्युलेटरी बोर्ड के साथ साठगांठ होने का आरोप लगाया.अपने समर्थकों को संबोधन में निरुपम ने कहा कि सरकारी महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी (महावितरण) ने घरेलू उपभोक्ताओं, उद्योगों और बिजली से चलने वाले हथकरघों को बिजली की दर में 20 फीसदी की कटौती से बाहर रखा है.

मुंबई उत्तर से लोकसभा सदस्य निरुपम ने कहा कि अपनी मांग पूरी होने तक उनका अनशन जारी रहेगा. पिछले सप्ताह मंत्रिमंडल ने तय किया था कि 300 यूनिट बिजली से कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली की दर में 20 फीसदी कटौती की रियायत दी जाएगी.

बहरहाल, यह छूट मुंबई में लागू नहीं होगी जहां बिजली आपूर्तिकर्ता कंपनियां दूसरी हैं. सरकार ने कहा कि मुंबई के उपभोक्ताओं को बिजली टाटा पावर, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और बृहन मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट से मिलती है. भाजपा ने आरोप लगाया था कि बिजली दरों में 20 फीसदी की कटौती की रियायत का फैसला आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया है. इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में दिया गया आश्वासन पूरा किया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले साल 19 नवंबर को बिजली दरों में 20 फीसदी कटौती का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी कोष पर 7,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा. निरुपम कांग्रेस से लोकसभा सदस्य प्रिया दत्त के साथ खास कर मुंबई में उपभोक्ताओं के बिजली बिल की राशि कम करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

बिजली की दरों में कटौती की मांग करते हुए निरुपम ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को पत्र भी लिखा था. पत्र में उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ऐसा कर सकती है तो मुंबई और महाराष्ट्र में ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता. उनकी पार्टी कांग्रेस महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार की अगुवाई कर रही है.

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