…जब CBSE चीफ पर स्मृति के फैसले को पीएम मोदी ने नहीं दी मंजूरी
नयी दिल्ली : पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की ओर से सीबीएसई चीफ के लिए सेलेक्ट डॉ. सवेंद्र विक्रम बहादुर को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हरी झंडी नहीं मिली. इसलिए वे डॉ. सवेंद्र सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन) के चेयरमैन नहीं बन पाये. विक्रम के नाम को पूर्व मानव […]
नयी दिल्ली : पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की ओर से सीबीएसई चीफ के लिए सेलेक्ट डॉ. सवेंद्र विक्रम बहादुर को पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हरी झंडी नहीं मिली. इसलिए वे डॉ. सवेंद्र सीबीएसई (सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन) के चेयरमैन नहीं बन पाये. विक्रम के नाम को पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सेलेक्ट किया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार यह फैसला नियुक्ति करने वाली समिति (एएसी) ने लिया है. इस कमेटी के सारे बड़े फैसले प्रधानमंत्री मोदी ही लेते हैं.
अखबार ने लिखा है कि मंगलवार (12 जुलाई) को Department of Personnel & Training (DoPT) की तरफ से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को एक नोटिस मिला था. उस में इस फैसले का जिक्र था। पत्र में लिखा था, ‘एएसी की तरफ से कहा गया है कि इस पोस्ट को सेंट्रल स्टाफिंग स्कीम (सीएसएस) के तहत भरा जाएगा.’ यह पहला मामला नहीं है जब स्मृति के सेलेक्शन पर सवाल उठे हों.
अखबार ने लिखा है कि इससे पहले अगस्त 2015 में वह सतबीर बेदी को सीबीएसई चेयरमैन बनाना चाहती थीं लेकिन उनके नाम पर भी पक्की मुहर ना लग सकी. कमेटी पैनल ने पाया था कि सतबीर के पास तीन साल का अनुभव नहीं है. सीबीएसई में दिसंबर 2014 से कोई चेयरमैन नहीं है. इस पद के लिए ज्वाइंट सेकेट्री रैंक का कोई अधिकारी चाहिए. उसके पास शैक्षिक प्रशासन का तीन साल का अनुभव भी होना चाहिए.