केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय, पीएसयू के जिम्मे बरौनी-सिंदरी उर्वरक कारखाना
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को भारत आने व रहने के लिए नियमों को अासान बनाया है. इसके साथ ही नागरिकता के लिए आवेदन शुल्क में सरकार ने […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिये गये. केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य देशों के अल्पसंख्यक नागरिकों को भारत आने व रहने के लिए नियमों को अासान बनाया है. इसके साथ ही नागरिकता के लिए आवेदन शुल्क में सरकार ने भारी कटौती की है. अबतक जहां भारतीय नागरिकता के आवेदन शुल्क के रूप में अलग-अलग देशों के नागरिकों को तीन हजार रुपये से 15 हजार रुपये देने होते हैं, इसे घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है.
केंद्रीय कैबिनेट ने एक अहम निर्णय एक करोड़ युवाओं को अगले चार साल में कौशल विकास का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है. इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना के आधार पर कार्य होगा. साथ ही उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, बिहार के बरौनी व झारखंड के सिंदरी उर्वरक कारखाने के पुनरुद्धार के लिए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन प्रमुख कंपनियों को संयुक्त जिम्मेवारी दी है. इन तीन उर्वरक कंपनियों को एनटीपीसी, कोल इंडिया, इंडियन ऑयल मिल कर फिर सेकार्यशील करेंगी. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि ये तीनों कंपनियां उत्तरप्रदेश, बिहार व झारखंड के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनके पुनरुद्धार की घोषणा की थी, जिसके लिए रिक्वेस्ट आॅफ प्रपोजल बनाया गया था, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया. ऐसे में सरकार ने यह नयी पहल की है.
इसके साथ ही राजेंद्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर डॉ राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी कर दिया गया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नाम तो वही है, लेकिन पूरा नाम नहीं होने की वजह से वह आशय नहीं सामने आ पाता था, इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है.