अरुणाचल में शक्ति परीक्षण शनिवार को, कांग्रेस के लिए मुश्किलें बरकरार
नयी दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेसी मुख्यमंत्री नबाम तुकी की बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस के लिए राह मुश्किल में दिख रही है. मालूम हो कि शनिवार को विधानसभा मेंकांग्रेसको बहुमत साबित करना है जो फिलहालपार्टी केलिए पहाड़ सी दिख रही है. मीडियारिपोट केमुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल 36 विधायकों के […]
नयी दिल्ली: अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेसी मुख्यमंत्री नबाम तुकी की बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस के लिए राह मुश्किल में दिख रही है. मालूम हो कि शनिवार को विधानसभा मेंकांग्रेसको बहुमत साबित करना है जो फिलहालपार्टी केलिए पहाड़ सी दिख रही है.
मीडियारिपोट केमुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल 36 विधायकों के साथ पड़ोस के भाजपा शासित राज्य असम की राजधानी में डेरा जमाये हुए है और विश्वास मत का इंतजार कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री का दावा है कि उनके साथ 43 विधायक हैंजो नबामतुकीके लिए मुश्किलेंखड़ीकर सकते है.
मालूम हो कि 60 सदस्यों वाली अरुणाचल विधानसभा में फिलहाल 58 सदस्य हैं. ऐसे में बहुमत के लिए कांग्रेस कोतीस विधायकों का समर्थन चाहिए. फिलहाल उसके पास सिर्फपंद्रह सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को ही दिल्ली के अरुणाचल भवन में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वाले नबाम अरुणाचल पहुंचते, उससे पहले ही सूबे के 36 विधायक गुवाहाटी में डेरा डाल चुके थे.
उधर, गुवाहाटी में गुरुवार को मीडिया सेबातचीतमेंपूर्व मुख्यमंत्री कलिखो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बतौर मुख्यमंत्री नबाम की बहाली तो कर दी है लेकिन पार्टी की संरचना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है.उन्होंनेकहा किवर्तमान में जो स्थिति है उसमेंउनकी पार्टी पीपीए के पास तीस, भाजपा के ग्यारह, दो निर्दलीय और कांग्रेस केपंद्रह सदस्य हैं. मीडिया के सामने ही उन्होंने 36 विधायकों की परेड भी कराई.
इससे पहलेअरुणाचल प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल तथागत रॉय ने नबाम को शनिवार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा है. हालांकि नबाम का कहना है कि वह राज्यपाल से कुछ और समय मांगेंगे क्योंकि इतने कम समय में विश्वासमत संभव नहीं है.