जालंधर : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिख विरोधी करार देते हुए गरमखयाली सिख संगठन दमदमी टकसाल ने आज यहां कहा कि आप प्रमुख अपने राजनीतिक लाभ के लिए सिखधर्म के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं. इसके साथ ही संगठन ने राज्य सरकार से मौजूदा व्यवस्था पर नजर बनाए रखने की भी अपील की है ताकि कोई भी असामाजिक तत्व इसका फायदा ना उठा सके.
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अरविंद केजरीवाल सिखों के सबसे बड़े दुश्मन : दमदमी टकसाल
जालंधर : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सिख विरोधी करार देते हुए गरमखयाली सिख संगठन दमदमी टकसाल ने आज यहां कहा कि आप प्रमुख अपने राजनीतिक लाभ के लिए सिखधर्म के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं. इसके साथ ही संगठन ने राज्य सरकार से मौजूदा व्यवस्था पर नजर बनाए रखने की […]
पंजाब के संगठन दमदमी टकसाल के प्रमुख संत ग्यानी हरनाम सिंह खालसा ने आज शाम यहां बयान जारी कर कहा, ‘‘अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी हर रोज सिख विरोधी क्रियाकलाप में जुटे रहते हैं. ‘केजरीवाल एंड कंपनी’ की मंशा बहुत मुश्किल से मिली पंजाब की शांति व्यवस्था तथा सांप्रदायिक एक सौहार्द्र को खराब करने की है.”
खालसा ने आरोप लगाया, ‘‘सिख धर्म विरोधी क्रियाकलाप से केजरीवाल और उनके सहयोगी सिख मत के सबसे बडे दुश्मन बन चुके हैं. उन्हें अपने इस कृत्य के लिए सिख समाज से माफी मांगनी होगी और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें संत समाज तथा समूचे सिख पंथ का कोपभाजन बनना होगा और उन्हें इसका उचित जवाब दिया जाएगा. इस सबके लिए आप संयोजक स्वयं जिम्मेदार होंगे.”
धार्मिक नेता ने आरोप लगाया, ‘‘बहुत मुश्किल से मिली पंजाब की शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द्र को केजरीवाल खराब करना चाहते हैं. राज्य सरकार को उनकी हर गतिविधि पर नजर रखनी चाहिए ताकि कोई भी असामाजिक तत्व इस स्थिति का कोई फायदा न उठा ले.”
गुरमत सिद्धांत प्रचारक संत समाज के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पहले मुगलों और अब्दाली ने दरबार साहिब को निशाना बनाया था क्योंकि वह सिख मत और सिखों के असली विचार को समाप्त करना चाहते थे और अब यह मशाल केजरीवाल ने थाम लिया है. यही कारण है कि उन्होंने अपनी पार्टी के पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए जारी घोषणापत्र पर श्रीदरबार साहिब के साथ झाडू की तस्वीर छाप दी.
खालसा ने कहा, ‘‘श्रीदरबार साहिब के साथ झाडू की तस्वीर लगाना पवित्र स्थल का घोर अपमान है. इतना ही नहीं, घोषणापत्र की तुलना श्रीगुरुग्रंथ साहिब से करना भी केजरीवाल की एक सोची समझी रणनीति थी. केजरीवाल की एक और गलती थी कि उन्होंने उस पत्रिका के खिलाफ कोई कारर्रवाई नहीं की जिसने उनकी तस्वीर निहंग के वेश में छापी है.” उन्होंने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि यह तस्वीर उनकी सहमति से ही पत्रिका में छापी गयी है जो निहंगों के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है.
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