इटानगर : अरुणाचल प्रदेश में नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण से कुछ घंटे पहले आज मुख्यमंत्री के लिए नबाम तुकी के स्थान पर पेमा खांडू को अपना नया नेता चुना. इसके बाद तुकी ने राजभवन को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. तुकी के इस्तीफे के बाद और पेमा खांडू के नेता बनने के बाद आज फ्लोर टेस्ट टल गया है. अब जब नयी सरकार बनेगी तभी फ्लोर टेस्ट की आवश्यकता होगी. दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया. विधायक दल की बैठक में खालिको पुल सहित कुल 44 विधायक शामिल हुए. पुल इसी साल फरवरी में भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बने थे.
विधानसभा में अब कुल विधायकों की संख्या 58 है, जिसमें भाजपा के पास 11 और दो निर्दलीय विधायक हैं. विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया और वापसी करने वाले बागियों को मिलाकर कांग्रेस के पास अब 45 विधायकों की ताकत है. सदन में शक्ति परीक्षण होने पर कांग्रेस आसानी से अपनी ताकत दिखा सकती है. अरुणाचल के पूर्व पर्यटन एवं जल संसाधन मंत्री 37 वर्षीय पेमा मुक्तो (सुरक्षित) क्षेत्र से विधायक हैं. दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक की पढाई करने वाले पेमा 2005 में अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बने और फिर 2010 में तवांग में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए.
राज्यपाल तथागत रॉय ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार संभालने वाले तुकी से कहा था कि वह आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें. तुकी ने बहुमत साबित करने के लिए उनसे कम से कम 10 दिन का समय मांगा था जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. देश की सबसे बडी अदालत के फैसले के बाद सत्ता से बेदखल हुए पुल के पास पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश के 30 विधायकों का समर्थन हासिल था. पिछले साल कांग्रेस से बगावत के बाद ये विधायक इस पार्टी में शामिल हुए थे.