कल से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार

नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से उत्साहित विपक्ष, एनएसजी सदस्यता पाने में भारत की नाकामी सहित कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की विरोधी दलों की मांग को देखते हुए कल से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2016 12:31 PM

नयी दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से उत्साहित विपक्ष, एनएसजी सदस्यता पाने में भारत की नाकामी सहित कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष को घेरने की विरोधी दलों की मांग को देखते हुए कल से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं. इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम में राज्य में कांग्रेस की नई सरकार के गठन, समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रस्ताव पर विधि आयोग से रिपोर्ट की मांग संबंधी मोदी सरकार के फैसले जैसे मुद्दों से सत्र के दौरान माहौल गर्म रहने की संभावना है.

दूसरी ओर, वरिष्ठ मंत्रियों एवं कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ हालिया बैठक के बाद सरकार अहम जीएसटी विधेयक के रास्ते में आ रही बाधा खत्म होने की उम्मीद कर रही है, जिसे वह पिछले सत्र के दौरान ही पारित कराना चाहती थी। सत्र के दौरान दोनों पक्षों के फिर से बैठक करने की संभावना है. जीएसटी विधेयक पर मतभेदों के समाधान के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नेताओं गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा से मुलाकात की. विवादास्पद संविधान :122वां संशोधन: विधेयक जिसे जीएसटी विधेयक के रुप में जाना जाता है, के लोकसभा में पारित होने के बाद पिछले साल अगस्त में इसे उपरी सदन भेजा गया था.

जीएसटी के मुद्दे पर कई क्षेत्रीय पार्टियों के कांग्रेस से रास्ते अलग करने के संकेतों और इस अहम आर्थिक सुधार के उपाय पर अपना समर्थन जताने की इच्छा जाहिर करने के बीच सरकार इसी सत्र में इस विधेयक के पारित होने की उम्मीद कर रही है. विपक्ष परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में अपनी जगह सुनिश्चित करने में भारत की नाकामी के मुद्दे को भी उठाने वाला है. सरकार ने बताया है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया विदेश यात्राओं सहित इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लंबित पडे अहम अन्य विधेयकों में जीएसटी के अलावा व्हिसल ब्लोअर सुरक्षा :संशोधन: विधेयक, 2015 भी शामिल है. इस विधेयक को भी पिछले साल दिसंबर में भेजा गया था, लेकिन इस पर चर्चा अधूरी रह गई थी। इस साल के बजट सत्र में इस विधेयक को चर्चा के लिए नहीं लाया जा सका. लोकसभा में लंबित पडे अहम विधेयकों में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2015 और बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन विधेयक, 2015 शामिल हैं.

संसद के पिछले कुछ सत्रों में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिला है, लेकिन बजट सत्र के दूसरे हिस्से में जहां तक सरकारी कामकाज के पूरा होने की बात रही तो दोनों पक्षों में अपेक्षाकृत सुधार देखा गया. यह सत्र ऐसे समय में शुरु हो रहा है जब असम विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त जीत, केरल और पश्चिम बंगाल के चुनावों में अपने प्रदर्शन से उत्साहित भाजपा का मनोबल उंचा है.

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