अहमदाबाद : हार्दिक पटेल की ओर से यह संकेत मिलने के बाद कि अगर उनका समुदाय चाहेगा तो वह राजनीति में आ सकते हैं, गुजरात की सभी विपक्षी पार्टियों ने पटेल कोटा आंदोलन के इस नेता को लुभाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि हार्दिक उनके साथ हाथ मिला लें. 22 साल के तेजर्रार नेता हार्दिक की पटेल समुदाय को ओबीसी दर्जा देने की मांग है. गुजरात उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद हार्दिक शुक्रवार को जेल से बाहर आए थे. उनके सक्रिय राजनीति में आने की संभावनाओं के सवाल पर हार्दिक ने ऐसी किसी संभावना से इनकार नहीं किया था.
हार्दिक ने कहा, ‘‘राजनीति में मेरे आने का फैसला मेरे समाज के लोग लेंगे. जब समुदाय मुझे बताएगा, मैं तभी फैसला लूंगा. अन्यथा मुझे ऐसा नहीं लगता है कि अपने देश या लोगों के लिए कुछ करने के लिए राजनीति में आना जरुरी है.” इसके बाद कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और आप ने हार्दिक को अपनी पार्टियों मंे शामिल करने की कवायद शुरू कर दी। कुछ तो उन्हें खुलेआम आमंत्रित कर रहे हैं तो कुछ संकेत भेज रहे हैं. पार्टियों के इन प्रयासों को आगामी विधानसभा चुनाव में चुनावी लाभ से जोडकर देखा जा रहा है.
राज्य में पाटीदार समुदाय की अच्छी-खासी संख्या है और वे कुल आबादी में 18 फीसदी हैं. अब तक यह समुदाय भाजपा का पक्का समर्थक था. हार्दिक ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं और उनका कहना है कि वह राजनीतिक नेता नहीं, बल्कि सामाजिक नेता हैं. इससे पहले हार्दिक ने पत्रकारों से कहा था, ‘‘मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहा. ये सभी अटकलें हैं. मैं क्या करने वाला हूं, यह समय आने पर आपको पता चल जाएगा.”