क्या आम आदमी का पंजाब “कैप्टन ” बनेंगे सिद्धू ?

इंटरनेट डेस्क पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि सिद्धू व उनकी पत्नी आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. भाजपा में लंबे समय से वो खुद को असहज महसूस कर रहे थे. अब जब पंजाब में चुनाव होने वाले हैं तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2016 7:35 PM

इंटरनेट डेस्क

पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि सिद्धू व उनकी पत्नी आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. भाजपा में लंबे समय से वो खुद को असहज महसूस कर रहे थे. अब जब पंजाब में चुनाव होने वाले हैं तो उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. केजरीवाल अभी अपनी पार्टी का आधार बढ़ाना चाह रहे हैं. दिल्ली से सटे इस राज्य में पार्टी हर हाल में अपनी बढ़त बनाना चाहती है लेकिन क्या सिद्धू के शामिल होने से आप को फायदा मिल पायेगा ?

नवजोत सिंह सिद्धू के लिए राजनीति एक पार्ट टाइम जॉब है. कभी वो ‘कॉमेडी विद कपिल ‘ में दिख जाते हैं तो कभी उनकी आवाज क्रिकेट मैच के कंमेट्री सुनाई पड़ती है. यह सच है कि सिद्धू बहुमुखी प्रतिभा के धनी है, क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद भी उन्होंने अपनी प्रतिभा के बदौलत खुद को प्रासंगिक बनाये रखा. क्रिकेट के बाद उनका करियर एक ऑलराउंडर का रहा है. उनकी पहचान एक ऊर्जावान इंटरटेनर के रूप में होती है , लेकिन ये सारी प्रतिभाएं राजनीति में किस हद तक काम आती हैं, देखना बाकि है.
अनुभव बताते है कि इस तरह के राजनेता भीड़ तो खींच सकते हैं लेकिन चुनावी जीत की गारंटी नहीं दिला सकते हैं. हालांकि सिद्धू के आने से पार्टी को अपने प्रचार अभियान में मजबूती मिलेगी. सिद्धू के बयान आसानी से मीडिया की सुर्खियां बना सकते हैं. हालांकि सिद्धू की छवि एक धीर -गंभीर राजनेता के रूप में नहीं है इस लिहाज से वो मुख्यमंत्री के दावेदार बनते हो तो शायद ही लोगों का विश्वास जीत पायेंगे.
अकसर देश की राजनीति में अन्य फील्ड से आने वाले नेता अपनी पुरानी पृष्ठभूमि के शिकार हो जाते है. स्मृति ईरानी को अपने ग्लैमरस करियर का नुकसान उठाना पड़ा. जितनी तेजी से वो राजनीति की दुनिया में आगे बढ़ी उतना ही तेजी से उन्हें नीचे आना पड़ा. नवजोत सिद्धू का चुनावी ट्रैक रिकार्ड शानदार है.वो चुनाव हारे नहीं है लेकिन आम आदमी पार्टी की जीत की गारंटी इतना आसान नहीं है.

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