बोलीं महबूबा, अखबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं
नयी दिल्ली : कश्मीर में अखबार पर पाबंदी की खबर के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और मामले के संबंध में चर्चा की. महबूबा ने जानकारी देते हुए कहा कि अखबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं लगाया गया है. नायडू […]
नयी दिल्ली : कश्मीर में अखबार पर पाबंदी की खबर के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और मामले के संबंध में चर्चा की. महबूबा ने जानकारी देते हुए कहा कि अखबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं लगाया गया है. नायडू ने राज्य में अखबारों पर कार्रवाई की खबरों के संबंध में बीती रात महबूबा से बात की.
महबूबा ने उन्हें बताया कि अखबारों के प्रकाशन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. पूरी घाटी में जारी विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर सरकार ने कथित तौर पर मीडिया पर ‘‘कार्रवाई” की थी जिसके चलते बीते तीन दिन से कर्फ्यूग्रस्त कश्मीर में स्थानीय अखबार प्रकाशित नहीं हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शहर के बाहरी इलाके रंगरेथ औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार को कथित तौर पर कम से कम दो प्रिंटिंग प्रेसों के कार्यालयों को बंद करा दिया था। पुलिस ने अखबारों की प्लेटें और प्रकाशित प्रतियां भी जब्त कर ली थीं.
स्थानीय समाचार एजेंसियों का कहना है कि पुलिस ने कथित तौर पर उन्हें समाचार जारी करने से मना किया था जिसके बाद उन्होंने अपने समाचार बुलेटिन रोक दिए. कश्मीर में अखबारों के संपादकों, मुद्रकों और प्रकाशकों की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि वे कथित सरकारी कार्रवाई की कडी निंदा करते हैं. द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी राज्य में मीडिया पर जम्मू-कश्मीर सरकार के ‘‘अनुचित दबाव” की आलोचना की। गिल्ड ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए ‘‘संदेशवाहक को निशाना बनाने” से इसकी तुलना की.
संसद के मानसून सत्र के शुरू होने साथ कल राज्यसभा में भी कश्मीर में हालात की गूंज सुनाई दी. सदन में इस विषय पर बहस हुई जिसमें विपक्ष ने सरकार को आडे हाथों लेते हुए सर्वदलीय बैठक बुलाने पर जोर दिया. विपक्ष ने कहा कि इस मुद्दे का हल ‘‘बंदूक की नोक” पर नहीं, बल्कि राजनीतिक रुप से निकाला जाना चाहिए.