साइबर सुरक्षा पर और सख्त होगी सरकार
नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि साइबर सुरक्षा के मामले में गुलशन राय समिति की सिफारिशों पर आगे कार्रवाई की जाएगी और सरकारी प्रयासों की वजह से ही साइबर अपराध के मामलों के दर्ज होने की संख्या बढी है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि दिसंबर […]
नयी दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि साइबर सुरक्षा के मामले में गुलशन राय समिति की सिफारिशों पर आगे कार्रवाई की जाएगी और सरकारी प्रयासों की वजह से ही साइबर अपराध के मामलों के दर्ज होने की संख्या बढी है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि दिसंबर 2014 में सरकार ने साइबर सुरक्षा से संबंधित मामलों पर सिफारिशों के लिए डॉ गुलशन राय के नेतृत्व में विशेषज्ञ समिति का गठन किया था जिसने हाल ही में अपनी रिपोर्ट दे दी है.
सिंह ने कहा कि समिति की सिफारिशों पर आगे कार्रवाई कर सरकार साइबर अपराधों से सख्ती से निपटेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम पूरी तरह त्रुटिहीन प्रणाली होने का दावा तो नहीं करते लेकिन साइबर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयास जारी हैं.’ उनसे पहले केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रीजीजू ने चंद्रप्रकाश जोशी और विष्णु दयाल राम के पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि सरकार मानती है कि सोशल मीडिया के माध्यम से नफरत का माहौल बनाने के भी प्रयास किये जाते हैं.
उन्होंने कहा कि अल-कायदा, हिज्बुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस और बोको हराम जैसे आतंकवादी संगठन सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती करते हैं और इस समस्या से निपटने के लिए सरकार इस मुद्दे से प्रभावी तरीके से निपटेगी. साइबर सुरक्षा के मामले से निपटने के लिए सरकार के सामने प्रशिक्षित विशेषज्ञों की कमी जैसी कई चुनौतियां बताते हुए मंत्री ने कहा कि उसने समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाये हैं.
रीजीजू ने कहा, ‘‘हमारे पास तीन साल के आंकडे हैं. मैं इस बात को मानता हूं कि सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने और अन्य विषयों पर अभियान चलाये जा रहे हैं. 2015 में इन मामलों के दर्ज होने की संख्या बढी है, जिसकी मुख्य वजह है कि सरकार ने ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई की है.’ उन्होंने कहा दादरी की घटना के बाद भी कई पोर्टलों पर कार्रवाई की गयी. रीजीजू ने कहा, ‘‘सरकार सोशल मीडिया के व्यापक इस्तेमाल को लेकर संवेदनशील है. साइबर अपराध एक बडा खतरा है और हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा साइबर मॉक ड्रिल भी की जाती है. कई अन्य प्रणालियां भी हैं. हमारे पास इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पांस टीम है जो इस तरह के मामलों को देखती है.