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कश्मीर : सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेगी नेशनल कॉफ्रेंस

श्रीनगर:नेशनल कॉन्फ्रेंस सीएम महबूबा मुफ्ती द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग का बहिष्कार करेगा. कल सुरक्षा स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी. ऑल पार्टी मीटिंग पर नैशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम को यह मीटिंग बुलाने में 2 हफ्ते का समय लग गया. बेहतर होता कि सीएम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2016 6:43 PM

श्रीनगर:नेशनल कॉन्फ्रेंस सीएम महबूबा मुफ्ती द्वारा बुलाई गई ऑल पार्टी मीटिंग का बहिष्कार करेगा. कल सुरक्षा स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई थी. ऑल पार्टी मीटिंग पर नैशनल कॉन्फ्रेंस का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम को यह मीटिंग बुलाने में 2 हफ्ते का समय लग गया. बेहतर होता कि सीएम ने हमारी नेतृत्व पर पहले भरोसा किया होता. बजाय इसके कि लोगों की तकलीफ के स्तर को इस सीमा तक बढ़ने दिया गया.जब तक कोई विश्वसनीय, प्रभावी और मानवीय नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में स्थापित नहीं किया जाता, तब तक ऑल पार्टी मीटिंग का यह प्रयास अर्थहीन है.

अलगाववादी संगठनोंने विधायकों को महबूबा मुफ्ती का साथ छोड़ने का कहा

कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे अलगाववादी संगठनों ने आज सत्तारुढ पीडीपी के विधायकों से ‘‘सच्चाई के समर्थन में’ मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का साथ छोड़ देने और ‘अपने लोगों के पास लौट आने’ का आह्वान किया. सैयद अली शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुक और मोहम्मद यासीन मलिक ने ई-मेल के माध्यम से जारी एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘जिस तरह 2010 में उमर अब्दुल्ला विफल रहे, उसी तरह महबूबा भी विफल हुई हैं,ऐसे में उनके विधायकों को उनका साथ छोड़ देना चाहिए और अपने लोगों के पास लौट जाना चाहिए.

‘ अलगाववादी नेताओं ने विधायकों से ‘‘लोगों के दमनकर्ताओं और हत्यारों के निष्ठावान प्रतिनिधि बने रहना’ छोड देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मुख्यधारा के अन्य दलों के विधायकों को भी ऐसा ही करना चाहिए.उधर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों ने शटडाउन 25 जुलाई तक बढ़ा दिया है. इस बीच घाटी में कर्फ्यू जारी रहेगा.

काफी सोच-समझकर लिया था गठबंधन का फैसला
महबूबा मुफ्ती ने अपने पिता के मौत के बाद काफी सोच-समझकर भाजपा का साथ देने का फैसला लिया था. अपनी पार्टी विधायकों से कई राउंड के बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती वापस सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन की थी. घाटी में फैले तनाव का मौजूदा भाजपा-पीडीपी गठबंधन पर भी पड़ सकता है.

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