मुंबई : बाल ठाकरे की वसीयत को लेकर छिडी जंग आज उस समय और बढ गई जब उनके बेटे जयदेव ठाकरे ने बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि उनकी पूर्व पत्नी स्मिता का बेटा ऐश्वर्य ठाकरे उनकी संतान नहीं है.
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बाल ठाकरे की वसीयत पर विवाद: अदालत ने बंद कमरे में गवाही के आदेश दिये
मुंबई : बाल ठाकरे की वसीयत को लेकर छिडी जंग आज उस समय और बढ गई जब उनके बेटे जयदेव ठाकरे ने बंबई उच्च न्यायालय में दावा किया कि उनकी पूर्व पत्नी स्मिता का बेटा ऐश्वर्य ठाकरे उनकी संतान नहीं है. बाल ठाकरे से अलग रहने वाले बेटे जयदेव से फिलहाल उनके भाई और शिवसेना […]
बाल ठाकरे से अलग रहने वाले बेटे जयदेव से फिलहाल उनके भाई और शिवसेना के वर्तमान प्रमुख उद्धव ठाकरे के वकील द्वारा जिरह की जा रही है.जयदेव ने बाल ठाकरे की वसीयत को चुनौती दी है जिसमें उन्हें संपत्ति का कोई हिस्सा नहीं दिया गया है.
ऐश्वर्य का नाम वसीयत में शामिल है और उन्हें संपत्ति का हिस्सा मिला है.उनके फ्लैट और ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बीच उनके आने जाने से जुडे सवाल पर जयदेव ने कहा कि वर्ष 2004 के बाद वह जब भी जाते थे तो मातोश्री की दूसरी मंजिल पर रुकते थे क्योंकि पहली मंजिल पर ‘‘कोई अज्ञात व्यक्ति” रहता था.
उद्धव के वकील रोहित कपाडिया ने जब पूछा कि यह व्यक्ति कौन था, जयदेव ने कहा, ‘‘पहली मंजिल पर अक्सर ताला लगा रहता था। जब ऐसा नहीं होता था तो कोई अज्ञात व्यक्ति वहां रहा करते थे। मुझे व्यक्ति के बारे में नहीं पता था और जब मैंने अपने पिता से पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐश्वर्य नाम का कोई व्यक्ति वहां रहता है.” अधिवक्ता कपाडिया ने पूछा, ‘‘क्या ऐश्वर्य आपका बेटा है?” जयदेव ने कहा कि नहीं, वह नहीं है. असल में, मैं काफी समय से ऐश्वर्य के पितृत्व को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहता था लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला.
इस बिन्दु पर, न्यायमूर्ति गौतम पटेल ने जयदेव को और कुछ बोलने से रोका और अदालत की कार्यवाही दोपहर भोज तक स्थगित हुई. जब अदालत की कार्यवाही फिर से शुरु हुई, न्यायमूर्ति पटेल ने दोनों पक्षों के वकीलों के साथ संक्षिप्त बैठक करके घोषणा की कि बाकी की गवाही अगले आदेश तक सार्वजनिक रुप से नहीं होगी.
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