दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने इस्तीफा देने से किया इनकार
नयी दिल्ली:दिल्ली के विवादास्पद कानून मंत्री सोमनाथ भारती मामले में अरविंद केजरीवाल की सरकार अब अपने मंत्री के बचाव में दूसरा हथकंडा अपनाने जा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने के लिए दिल्ली सरकार तैयारी करनी शुरू कर दी है.हालांकि बरखा सिंह […]
नयी दिल्ली:दिल्ली के विवादास्पद कानून मंत्री सोमनाथ भारती मामले में अरविंद केजरीवाल की सरकार अब अपने मंत्री के बचाव में दूसरा हथकंडा अपनाने जा रही है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष बरखा सिंह को हटाने के लिए दिल्ली सरकार तैयारी करनी शुरू कर दी है.हालांकि बरखा सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग घबराहट में हैं.
गौरतलब हो कि कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने कल अपने वकील को आयोग के समक्ष भेजा जिनकी आयोग की प्रमुख बरखा सिंह से बहस हो गयी क्योंकि बरखा सिंह ने उनकी बात सुनने से ही इंकार कर दिया. इसी मामले के बाद सरकार ने फैसला लिया है कि बरखा सिंह को पद से हटाया जाए.
दिल्ली महिला आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए भारती
दिल्ली के विवादास्पद कानून मंत्री सोमनाथ भारती आज दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) के समक्ष उपस्थित नहीं हो सके और उन्होंने अपने वकील को आयोग के समक्ष भेजा जिनकी आयोग की प्रमुख बरखा सिंह से बहस हो गयी क्योंकि बरखा सिंह ने उनकी बात सुनने से ही इंकार कर दिया.
दक्षिण दिल्ली में पिछले हफ्ते कथित नशीले पदार्थों तस्करी एवं वेश्यावृत्ति गिरोह पर छापेमारी के बहाने अफ्रीकी महिलाओं से र्दुव्यवहार के मामले में उन्होंने आप कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया था जिसके बाद डीसीडब्ल्यू ने उन्हें समन भेजा था.
कानून मंत्री से आयोग के समक्ष आज दोपहर उपस्थित होकर अपने खिलाफ लगे आरोपों का जवाब देने को कहा गया था लेकिन उन्होंने अपने वकील को भेज दिया जिन्होंने कहा कि ‘‘कुछ जरुरी कार्यों’’ के कारण वह नहीं आ सके.डीसीडब्ल्यू प्रमुख बरखा सिंह ने कहा कि आयोग ने मंत्री को उपस्थित होने के लिए कहा था और उनके वकीलों के जवाब को वह स्वीकार नहीं करेगा.
भारती के एक वकील रिषीकेश कुमार ने कहा कि सिंह ने उन्हें इस मुद्दे पर अपना पक्ष नहीं रखने दिया.उन्होंने कहा, ‘‘सोमनाथ भारती ने मुझसे आज की कार्यवाही में प्रतिनिधित्व करने को कहा है. मैं यहां अपराह्न तीन बजे आया और जैसे ही मैं अंदर घुसा तो देखा कि कई कैमरामैन पहले से ही यहां हैं. इसलिए हमने कहा कि तीन बज चुका है और भारती ने हमें प्रतिनिधि के रुप में भेजा है.’’कुमार ने कहा, ‘‘हमें कहा गया कि वकील प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते. मैंने कहा कि मुझे निर्देश मिला है. मुझे अधिकार मिला है और क्या आप मुझे बोलने देंगी ? फिर उन्होंने कहा, नहीं, आप एक वकील हैं. मैंने उन्हें बताया कि जरुरी काम के कारण आज नहीं आ सकते.