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दलितों से मारपीट: प्रदर्शनों के बीच 9 युवकों ने की आत्महत्या की कोशिश

अहमदाबाद/राजकोट : उना कस्बे में दलित समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने के बाद से जारी प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीडितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनसे हरसंभव मदद करने का […]

अहमदाबाद/राजकोट : उना कस्बे में दलित समुदाय के युवकों की बेरहमी से पिटाई किए जाने के बाद से जारी प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. कल मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीडितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनसे हरसंभव मदद करने का वादा किया. घटना के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच 9 और युवकों ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की जिससे राज्य में स्थिति और बिगड गयी. साथ ही, समूचे राज्य में कई जगहों से हिंसा और आगजनी की खबरें मिली हैं. राजकोट, पोरबंदर, बोतड और गिर-सोमनाथ जिलों में आत्महत्या की कोशिश की घटनाएं सामने आयी हैं. ताजा घटनाओं के साथ गत 11 जुलाई को कथित गोवध के लिए तथाकथित गोरक्षा दल द्वारा सात युवकों की पिटाई के बाद से आत्महत्या की कोशिश करने वाले दलितों की संख्या बढकर 17 हो गयी.

केवल एक मृत गाय की निकाली थी चमडी
दलितों ने गोवध से इनकार किया था और कहा था कि उन्होंने केवल एक मृत गाय की चमडी निकाली थी. राजकोट जिले के धोराजी शहर में बुधवार को तीन दलित युवकों ने किसी जहरीले पेय पदार्थ का सेवन किया जिसके बाद उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया. तीनों की पहचान योगेश सोलंकी, विनोद सोलंकी और हितू चौहान के रुप में हुई है. उनकी हालत बिगडने पर उन्हें जूनागढ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. जिले के गोंडल नगर में मुकेश चावडा नाम के एक व्यक्ति ने जहर खा लिया जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. पोरबंदर जिले के बंतवा नगर में महेश राठौड नाम के एक व्यक्ति ने कथित रुप से जहर का सेवन किया जिसके बाद उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. उना में राजू परमार नाम के एक व्यक्ति ने जहर का सेवन कर अपनी जान देने की कोशिश की.

अबतक 17 दलित युवकों ने आत्महत्या करने की कोशिश

बोतड नगर में परेश राठौड नाम के एक दलित प्रदर्शनकारी ने आत्मदाह की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया. पिछले दो दिनों में विरोध दर्ज कराने के लिए विभिन्न जगहों पर 17 दलित युवकों ने आत्महत्या करने की कोशिश की है. मंगलवार को अमरेली शहर में भीड की पत्थरबाजी में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी थी. मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल उना का दौरा करेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार को उना आएंगे.

मुख्यमंत्री ने किया हर संभव मदद का वादा

मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीडितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनसे हरसंभव मदद करने का वादा किया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने परिवार से कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई कर रही है और उनमें से 16 पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. राहुल और केजरीवाल के निर्धारित दौरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने संवाददताओं से कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. इसी बीच समुदाय के आक्रोशित सदस्यों ने शहरों और कस्बों में रैलियां निकाली, सडकों को बंद किया, बसों को क्षतिग्रस्त किया और सुरेंद्रनगर जिले के वाधवन के निकट एक ट्रेन को रोक दिया. उना में दलितों से मारपीट के मुद्दे पर दलित संगठनों द्वारा किए गए बंद के आह्वान को आज मिलीजुली प्रतिक्रिया मिली.

सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के कुछ इलाकों में पूर्ण बंद

सौराष्ट्र और उत्तरी गुजरात के कुछ इलाकों में पूर्ण बंद रहा जहां पथराव और चक्का जाम की छिटपुट घटनाएं दर्ज की गईं. यह बंद व्यापक तौर पर सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली और जूनागढ शहरों के अलावा धोराजी और ध्रोल जैसे छोटे कस्बों में भी रखा गया और विरोध प्रदर्शन के दौरान बसों को क्षतिग्रस्त करने और पथराव की कुछ घटनाएं हुईं. जूनागढ, भावनगर, अमरेली तथा सौराष्ट्र के कुछ छोटे कस्बों में जनजीवन प्रभावित हुआ. उत्तरी गुजरात के पाटन कस्बा और अराजवी जिले में भी बंद रहा. पोरबंदर में एक निजी बस को जला दिया गया जबकि सौराष्ट्र के विभिन्न हिस्से में सार्वजनिक परिवहन की बसों को नुकसान पहुंचाया. एहतियात के तौर पर प्रशासन ने राज्य परिवहन की बसों का परिचालन कई मार्गो पर रोक दिया। सौराष्ट्र में प्रदर्शनकारियों ने कई सडकों को बंद कर दिया.

पुलिस ने 50 लोगों को लिया हिरासत में

बंद के दौरान राजकोट में भी सडकों पर लोगों को प्रदर्शन करते देखा गया जिसके बाद पुलिस ने करीब 50 लोगों को हिरासत में ले लिया. हालांकि, इस कस्बे में बंद के आह्वान को नहीं माना गया और स्थिति सामान्य रही. पोरबंदर में स्थिति तनावपूर्ण रही जहां हिंसक भीड ने जिलाधिकारी कार्यालय के निकट एक थाने पर हमला कर कई वाहनों को जला दिया. पोरबंदर के जिला पुलिस अधीक्षक तरुण दुग्गल के मुताबिक पुलिस उपाधीक्षक सहित चार पुलिसकर्मी घायल हो गए. अहमदाबाद में, प्रदर्शनकारियों ने चांदखेडा और कलपीनगर जैसे कुछ स्थानों पर बंद को लागू कराने का प्रयास किया जहां उन्हें बाजारों और स्कूलों को जबरन बंद कराते देखा गया. इसी बीच मामले को लेकर राकांपा ने गुजरात की भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आनंदीबेन पटेल के नेतृत्व वाली सरकार सामाजिक सद्भाव बनाए रखने में नाकाम रही है जिसके कारण कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो गयी है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल ने एक बयान में कहा, ‘‘गुजरात के उना में निर्दोष दलितों पर हमला बेहद शर्मनाक और निंदनीय है. गुजरात में कानून व्यवस्था और सामाजिक ताना बाना बिगडना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’

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