रोहतक गैंगरेप पर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा- गुस्सा काफी नहीं है

संयुक्त राष्ट्र : रोहतक में एक दलित युवती के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से जुडी ‘‘क्षमा की घृणित संस्कृति” की निंदा की है और इस ‘‘क्रूरता” को खत्म करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है. यूनिसेफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 10:15 AM

संयुक्त राष्ट्र : रोहतक में एक दलित युवती के साथ हुए कथित सामूहिक बलात्कार के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से जुडी ‘‘क्षमा की घृणित संस्कृति” की निंदा की है और इस ‘‘क्रूरता” को खत्म करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है. यूनिसेफ की प्रमुख लैंगिक सलाहकार अंजू मल्होत्रा ने कल एक बयान में कहा, ‘‘भारत में दलित युवती के साथ उन्हीं पांच पुरुषों द्वारा कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया जाना, जिनमें से दो ने तीन साल पहले उसके साथ बलात्कार किया था. दरअसल लडकियों और महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा से जुडी माफी की घृणित संस्कृति को रेखांकित करता है.”

उन्होंने कहा कि दुनियाभर की 12 करोड लडकियों में से हर 10 में से एक लडकी यौन हिंसा का सामना करती है और इनमें से अधिकतर लडकियों के साथ 15 से 19 साल की उम्र के बीच ऐसा होता है. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सिर्फ गुस्सा काफी नहीं है. एक आम बात बन चुकी है. इस क्रूरता को खत्म करने के लिए और हिंसा के पीडितों को न्याय एवं सुरक्षा देने के लिए अब हमें कार्रवाई करने की जरुरत है.” 21 वर्षीय पीडिता ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उसे नशीली दवाएं देकर उसका सामूहिक बलात्कार ही नहीं किया गया बल्कि इनमें से दो हमलावरों ने तीन साल पहले भी नशीली दवाएं देकर उसका बलात्कार किया था.

Next Article

Exit mobile version