नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद भगवंत मान की ओर से उच्च सुरक्षा वाले संसद भवन के बाहरी और भीतरी हिस्से का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने से पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय सांसदों सहित वाहनों एवं आम लोगों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा प्रणाली को और बेहतर करने का सुझाव दे सकता है.
मान की ओर से विवादित वीडियो बनाने पर चिंतित गृह मंत्रालय संसद भवन परिसर में अंडर व्हीकल सर्विलांस सिस्टम (यूवीएसएस) और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैगों को और बेहतर बनाने का सुझाव दे सकता है. बताया जा रहा है कि मान की ओर से बनाए गए वीडियो से संसद भवन परिसर का सुरक्षा तंत्र सार्वजनिक हो गया है.
यूवीएसएस किसी वाहन की समूची लंबाई और चौडाई की पूरी तस्वीर बताती है जबकि आरएफआईडी वस्तुओं एवं व्यक्तियों से जुडे टैगों की पहचान कर उस पर नजर रखती है. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘संसद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था में प्राथमिकता के आधार पर आमूलचूल बदलाव लाने की जरुरत है.” सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि ‘आप’ के सांसद ने संसद के सामने के विजय चौक से लेकर संसद भवन के मुख्य द्वार तक की पूरी सुरक्षा व्यवस्था सार्वजनिक कर दी.
मान ने वीडियो में दिखाया है कि सांसद टैग वाली कोई कार सुरक्षा की कई परतों को पार करते हुए कैसे विजय चौक से संसद भवन के मुख्य द्वार तक पहुंचती है. अधिकारी ने बताया कि 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला करने वाले आतंकवादी मुख्य इमारत में दाखिल नहीं हो सके थे, क्योंकि उन्हें रास्ता ही नहीं समझ आया था. उन्होंने कहा, ‘‘मान का वीडियो मुख्य द्वार तक के रास्ते का पूरा नजारा दिखाता है.” अधिकारी ने बताया कि वीडियो में साफ दिखाया गया है कि संसद में सुरक्षाकर्मियों, क्विक रिएक्शन टीमों, यूवीएसएस की किस जगह तैनाती है और किसी वाहन को गंतव्य तक पहुंचने में कितना वक्त लगता है.
करीब दो साल पहले लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पूर्व केंद्रीय गृह सचिव और बिहार से भाजपा सांसद आर के सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर संसद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट देने को कहा था. इस समिति में उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद एवं मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त सत्यपाल सिंह और राजस्थान के डीजीपी रह चुके सांसद हरीश चंद्र मीणा बतौर सदस्य शामिल थे. अपनी रिपोर्ट में समिति ने संसद परिसर की सुरक्षा में कई खामियां गिनाई थीं. कहा गया था कि कुल 450 सीसीटीवी कैमरों में से करीब 100 कैमरे काम नहीं कर रहे. रिपोर्ट में संसद परिसर के 12 गेटों पर सुरक्षा बढाने के सुझाव दिए गए थे.