कश्मीर में ताजा झड़प में एक युवक की मौत, कल श्रीनगर पहुंचेंगे राजनाथ
श्रीनगर: कश्मीर में आज जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई ताजा झडप में एक युवक की मौत हो गई जिसके साथ ही घाटी में बीते दो सप्ताह से हो रही हिंसा में मरने वालों की संख्या 45 हो गई. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ कल श्रीनगर पहुंचने वाले हैं.जम्मू-कश्मीर की […]
श्रीनगर: कश्मीर में आज जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई ताजा झडप में एक युवक की मौत हो गई जिसके साथ ही घाटी में बीते दो सप्ताह से हो रही हिंसा में मरने वालों की संख्या 45 हो गई. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ कल श्रीनगर पहुंचने वाले हैं.जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-भाजपा सरकार हालात को काबू करने की जद्दोजहद में हैं. हालात को शांत करने के प्रयास के तहत सिंह दो दिनों के कश्मीर दौरे पर श्रीनगर पहुंचेंगे और लोगों से बातचीत करेंगे. बीते आठ जुलाई को हालात बिगडने के बाद केंद्र सरकार की ओर से पहली बार उच्च स्तरीय दौरा होने जा रहा है.
हालात काफी हद तक शांतिपूर्ण रहने के बाद कर्फ्यूग्रस्त घाटी में खासकर बारामूला, कुपवाड़ा और पुलवामा जिलों के कई स्थानों पर पथराव की खबर है. कानून व्यवस्था की आशंका के चलते घाटी के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद पुलवामा के अवंतीपोरा के चुरसू में प्रदर्शन के दौरान मुश्ताक अहमद भट्ट नामक युवक पेलेट गन के छर्रे से गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.
एसएमएचएस में आज दो अन्य घायलों को लाया गया. एक व्यक्ति पुलवामा के काकापुरा और दूसरा बाराबूला के सोपोर कस्बे में घायल हुआ. काकापुरा में संघर्ष में घायल आसिफ अहमद की हालत गंभीर है जबकि सोपोर में घायल आकिब अहमद की स्थिति स्थिर है. उधर, अनंतनाग जिले के कोकरनाग क्षेत्र में झडपों में घायल हुए इश्तियाक अहमद की सूरा स्थित एसकेआईएमएस अस्पताल में आज सुबह मौत हो गई.
विगत आठ जुलाई को हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से घाटी में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झडपें हो रही हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हालांकि कल हिंसा की कोई घटना नहीं हुई, लेकिन आज ऐहतियाती तौर पर प्रशासन ने कश्मीर के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया.अधिकारी ने कहा, ‘‘जुमे की नमाज के दौरान बडे पैमाने पर भीड़ जुटेगी जो आमतौर पर हिंसक प्रदर्शनों में बदल जाती है.’