दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे राजनाथ सिंह, चार जिलों से हटा कर्फ्यू
श्रीनगर : कश्मीर घाटी में फैले तनाव के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर घाटी पहुंचे. राजनाथ सिंह घाटी में सिविल सोसाइटी के लोगों के साथ मुलाकात कर रहे हैं. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वे जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मिलेंगे.राजनाथ सिंह राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और […]
श्रीनगर : कश्मीर घाटी में फैले तनाव के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह कश्मीर घाटी पहुंचे. राजनाथ सिंह घाटी में सिविल सोसाइटी के लोगों के साथ मुलाकात कर रहे हैं. अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वे जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी मिलेंगे.राजनाथ सिंह राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और सिविल सोसायटी एवं राजनीतिक दलों के नेताओं के्अलावा व्यापार जगत के लोगों से भी मिलेंगे.
कल संसद में बयान जारी करते हुए गृह मंत्री ने कहा था कि वे कश्मीर का दौरा करेंगे और स्वयं हालत का जायजा लेंगे. उधर बुरहान वानी के मौत के बाद फैली हिंसा में अब तक 40 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. घाटी में सरकार के प्रति जबर्दस्त आक्रोश है. दस दिनों से ज्यादा कर्फ्यू के बाद घाटी में जनजीवन ठप पड़ गया है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि पैलेट गन के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन होगा और इसके विकल्प ढूंढे जायेंगे.
कश्मीर घाटी के चार जिलों से हटाया गया कर्फ्यू
स्थिति में सुधार को देखते हुए कश्मीर के चार जिलों और श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों से आज कर्फ्यू हटा लिया गया लेकिन एहतियात के तौर पर घाटी के बाकी हिस्सों में कर्फ्यू जारी है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘बांदीपोरा, बारामूला, बडगाम और गांदरबल जिलों के साथ-साथ श्रीनगर शहर के कुछ हिस्सों से स्थिति में सुधार को देखते हुए कर्फ्यू हटा लिया गया है.’ अधिकारी ने बताया कि जिन इलाकों से कर्फ्यू हटाया गया है, वहां सीआरपीसी की धारा 144 के तहत चार या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लागू है. उन्होंने बताया कि घाटी के अनंतनाग, कुलगाम, कुपवाडा, पुलवामा और शोपियां जिलों के अलावा शहर के आठ पुलिस थानों में कर्फ्यू अब भी लागू है.
महबूबा मुफ्ती ने बुलायी थी सर्वदलीय बैठक
कश्मीर में फैले तनाव के बीच जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. हालांकि कश्मीर के मुख्य विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेस ने इस बैठक का बहिष्कार किया था. बैठक के दौरान महबूबा मुफ्ती रो पड़ी थीं.नेशनल कॉफ्रेंस ने कहा था कि बेहतर होता कि सीएम ने हमारी नेतृत्व पर पहले भरोसा किया होता. बजाय इसके कि लोगों की तकलीफ के स्तर को इस सीमा तक बढ़ने दिया गया.जब तक कोई विश्वसनीय, प्रभावी और मानवीय नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में स्थापित नहीं किया जाता, तब तक ऑल पार्टी मीटिंग का यह प्रयास अर्थहीन है.