भिंड जिले में अवैध हथियारों के तस्करों के खिलाफ मुहिम से अपराधों में आई कमी

भिंड : आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात मध्यप्रदेश के भिंड जिले में अवैध हथियारों और इसके कारोबार से जुडे लोगों के खिलाफ चलाई गई मुहिम से अपराधों में कमी कमी आई है. पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया, ‘पिछले छह माह में हमने 433 अवैध हथियार और 1454 कारतूस जप्त किये हैं. इस कारण हत्या, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2016 1:07 PM

भिंड : आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात मध्यप्रदेश के भिंड जिले में अवैध हथियारों और इसके कारोबार से जुडे लोगों के खिलाफ चलाई गई मुहिम से अपराधों में कमी कमी आई है. पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने बताया, ‘पिछले छह माह में हमने 433 अवैध हथियार और 1454 कारतूस जप्त किये हैं. इस कारण हत्या, हत्या के प्रयास, और डकैती जैसी अपराधिक वारदातों में कमी आई है.’ पिछले तीन सालों में अवैध हथियार बरामद करने के आंकडे देते हुए एसपी ने बताया कि वर्ष 2013 में 134 अवैध हथियार व 234 कारतूस, वर्ष 2014 में 166 अवैध हथियार व 232 कारतूस तथा वर्ष 2015 में 269 अवैध हथियार व 387 कारतूस जप्त किये गये थे. जबकि वर्ष 2016 के पहले छह माह में ही जिले में 433 अवैध हथियार व 1454 कारतूस जप्त किये गये हैं.

उन्होंने बताया कि इस मुहिम के तहत अब तक जिले में अवैध हथियारों के छह तस्करों को पकडा गया है तथा अन्य लोगों को भी शीघ्र ही गिरफ्तार किया जायेगा. एसपी ने दावा किया कि वर्ष 2014 और वर्ष 2015 के प्रथम छह माह के अपराध आंकडों की तुलना वर्ष 2016 के छह माह से की जाये तो पता चलता है कि जिले में हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण के अपराधों में कमी आई है.

उन्होंने बताया कि पकडे गये अवैध हथियारों के तस्करों ने पुलिस को जानकारी दी है कि वह देशी पिस्तौल, बंदूक और कारतूस उत्तरप्रदेश के शहरों फिरोजाबाद, मैनपुरी और इटावा तथा मध्यप्रदेश के बडवानी और सेंधवा से लाकर यहां बेचते हैं. इसके साथ ही भिंड जिले के मानहड में भी अवैध हथियारों का निर्माण किया जाता है जो कि आजादी के पहले से हो रहा है.

भसीन ने बताया कि एक तस्कर दीपक ने पुलिस को बताया कि अवैध हथियारों का कारोबार आजकल आधुनिक तौर तरीकों से होने लगा है. अब हथियारों की आपूर्ति का आर्डर फोन पर मिलता है तथा भुगतान अग्रिम तौर पर आपूर्तिकर्ता के बैंक खाते में किया जाता है. इसके बाद बताई गई जगह पर कोरियर के लडकों से माल की डिलीवरी कराई जाती है.

उन्होंने बताया कि तस्कारों द्वारा 12,000 रुपये से 15,000 रुपये में देशी पिस्तौल आसानी से उपलब्ध करा दी जाती है. भिंड कलेक्टर टी इलेयाराजा ने बताया कि अवैध हथियारों के खिलाफ चलाई गई मुहिम के बाद जिले में सामूहिक नकल के मामलों में भी कमी आई है.

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