कश्मीर में बंद होगा पेलेट गन का इस्तेमाल, दो महीने में ढूंढे जायेंगे विकल्प : राजनाथ सिंह
श्रीनगर : कश्मीर में लोगों से संपर्क कायम करने का प्रयास करते हुए केंद्र ने आज कहा कि वह उनके साथ जरुरत आधारित नहीं बल्कि भावनात्मक संबंध चाहता है. इसके साथ ही केंद्र ने यह भी कहा कि घाटी में एक बार शांति बहाल हो जाए, फिर जिस किसी से भी जरुरत होगी, वह बातचीत […]
श्रीनगर : कश्मीर में लोगों से संपर्क कायम करने का प्रयास करते हुए केंद्र ने आज कहा कि वह उनके साथ जरुरत आधारित नहीं बल्कि भावनात्मक संबंध चाहता है. इसके साथ ही केंद्र ने यह भी कहा कि घाटी में एक बार शांति बहाल हो जाए, फिर जिस किसी से भी जरुरत होगी, वह बातचीत के लिए तैयार है.
कश्मीर में हाल के दिनों में पैदा हुयी अशांति में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य की अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों को भीड के खिलाफ पेलेट गन के इस्तेमाल से यथासंभव परहेज करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह गैर.घातक हथियारों के उपयोग पर गौर करने के लिए उनके द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं. समिति दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देगी. घाटी की अपनी यात्रा के दौरान सिंह ने 30 प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। इनमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती नीत सरकारी टीम और उमर अब्दुल्ला नीत विपक्षी नेशनल कांफ्रंेस टीम भी शमिल हैं. कांग्रेस गृह मंत्री के साथ विचार विमर्श से दूर रही.
गृह मंत्री को सौंपे एक ज्ञापन में नेकां ने केंद्र से कहा कि राजनीतिक मुद्दे के परस्पर स्वीकार्य समाधान के लिए आम सहमति तैयार करने की खातिर वह जम्मू कश्मीर के अलगाववादी समूहों और पाकिस्तान के साथ सतत वार्ता शुरु करे. श्रीनगर और अनंतनाग की यात्रा पूरी करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए चेतावनी दी कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे और पडोसी देश को कश्मीर के बारे में अपना रुख और नजरिया में बदलाव लाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर में स्थिति में सुधार के लिए किसी तीसरी ताकत की कोई आवश्यकता नहीं है. कश्मीर पर पाकिस्तान की भूमिका पाक नहीं रही है.
घाटी में चल रही अशांति के दौरान घायल हुए लोगों के प्रति सहानुभूति जताते हुए सिंह ने युवाओं से पथराव से दूर रहने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कश्मीर के युवाओं से अपील करता हूं कि वे पथराव में शामिल नहीं हों और सुरक्षा बलों को पेलेट गन के उपयोग से यथासंभव परहेज करना चाहिए.” सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंतित हैं और वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द स्थिति में सुधार हो. उन्होंने कहा, ‘‘मैं कश्मीर की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हूं और हमारे प्रधानमंत्री भी इसको लेकर काफी चिंतित हैं. यहां जो हुआ, उस पर खेद जताने के साथ ही मैं उन परिवारों के प्रति संवेदना जताता हूं जिनके सदस्यों की मौत हुयी है.” सिंह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने कल रात मुझसे बात की और कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की.वह चाहते हैं कि स्थिति सुधरनी चाहिए.
महबूबा ने पाक को आडे हाथ लिया, केंद्र से प्रायोगिक आधार पर आफस्पा हटाने को कहा
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हथियार उठाने के लिए कश्मीर में युवाओं को उकसाने के लिए पाकिस्तान को आज आडे हाथ लिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी नीति बदलनी होगी और केंद्र से प्रायोगिक आधार पर लोगों का ‘दिल जीतने की दिशा’ में शुरुआत के तौर पर चुनिंदा क्षेत्रों से आफस्पा हटाने का अनुरोध किया. महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज जब कोई कश्मीरी बच्चा बंदूक उठाता है तो वो :पाकिस्तान: उन्हें नेता बताते हैं और कहते हैं कि वह अच्छा कर रहा है लेकिन जब उनका अपना बच्चा बंदूक उठाता है तो वो उसपर ड्रोन से हमला करते हैं और सैन्य अदालतों में उन्हें फांसी देते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि पाकिस्तान ने इस बार ज्यादती की है.
पाकिस्तान की तरफ कश्मीर की जनता सहानुभूति भरी नजरों से देखती है.” उन्होंने कहा, ‘‘अगर वो हमारे बच्चों को बंदूक उठाने के लिए उकसाते हैं और तब कहते हैं कि अगर आप मुठभेड में मारे जाते हैं तो आप हमारे नेता बनेंगे, तो मेरा मानना है कि उन्हें यह नीति बदलने की आवश्यकता है.” जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ऐसे दिन बोल रही थीं जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सिंह ने घाटी में हालात का जायजा लिया। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में संघर्षों में 47 लोग मारे गए हैं और पांच हजार से अधिक नागरिक और सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.महबूबा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान कहता है कि हम आतंक के पीडित हैं. एक ही दिन में एक स्कूल पर हमले में उनके 146 बच्चे मारे गए और लोग उनकी मस्जिदों में जाने से डरते हैं.” महबूबा ने ये बातें कश्मीर में हिंसा को प्रोत्साहन देने के लिए पडोसी देश पर हमला करने के दौरान कहीं.
महबूबा ने कहा कि राज्य में स्थिति सुधारने के लिए कहीं से शुरुआत की जानी है और प्रायोगिक आधार पर 25 से 50 थाना क्षेत्रों से आफस्पा को हटाने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जहां तक आफस्पा का सवाल है तो हम यह नहीं कह रहे हैं कि इसे एकबार में ही हटा दिया जाना चाहिए. लेकिन प्रायोगिक आधार पर अगर इसे धीरे-धीरे हटाया जाता है तो यह देखा जा सकता है कि उन क्षेत्रों में हालात कैसे रहते हैं.” महबूबा ने कहा, ‘‘अगर हालात बेहतर बने रहते हैं तो इसे पूरी तरह हटा लिया जाना चाहिए या अगर आप महसूस करते हैं कि आतंकवाद इसे हटाने की अनुमति नहीं देता है तो इसे दोबारा लागू किया जाना चाहिए.