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उत्कृष्ट केंद्र होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में आईआईटी को जगह नहीं : प्रकाश जावड़ेकर

नयी दिल्ली : शिक्षा की मात्रा के साथ गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि आईआईटी, एनआईटी जैसी संस्थाएं उत्कृष्टता केंद्र होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में नहीं हैं और इस दिशा में प्रदर्शन के साथ धारणा को बेहतर बनाने की जरूरत है. लोकसभा […]

नयी दिल्ली : शिक्षा की मात्रा के साथ गुणवत्ता को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज कहा कि आईआईटी, एनआईटी जैसी संस्थाएं उत्कृष्टता केंद्र होने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में नहीं हैं और इस दिशा में प्रदर्शन के साथ धारणा को बेहतर बनाने की जरूरत है. लोकसभा में आज प्रौद्योगिकी संस्थान संशोधन विधेयक 2016 को चर्चा के लिए पेश करते हुए जावडेकर ने कहा कि वर्षों तक हम उच्च शिक्षा समेत सम्पूर्ण शिक्षा के विस्तार पर जोर दे रहे थे और अब गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता पर जोर दे रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम 1961 में तैयार किया गया था जिसमें 1994 में संशोधन हुआ और आईआईटी गुवाहाटी को जोड़ा गया. साल 2002 में फिर संशोधन हुआ और आईआईटी रुडकी को जोड़ा गया. इसी तरह से 2012 में संशोधन करते हुए कुछ अन्य आईआईटी को जोड़ा गया. जावडेकर ने कहा कि अब इस विधेयक के माध्यम से आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड, आईआईटी गोवा, आईआईटी धारवाड, आईआईटी भिलाई और आईआईटी जम्मू के साथ आईएसएम धनबाद को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रुप में जोडा जा रहा है. मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि इस वर्ष आईआईटी में सीटें खाली नहीं हैं और मेधा के आधार पर छात्रों का दाखिला हुआ है.

जावडेकर ने कहा कि आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी, आईएसईआर ऐसे संस्थान हैं जो उत्कृष्टता के केंद्र हैं. हालांकि ये अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में नहीं आए हैं. इसका कारण धारणा है जिसे रैंकिंग में 40 प्रतिशत तवज्जो दी जाती है. हमें इन संस्थाओं के प्रदर्शन के साथ धारणा को बेहतर बनाने की जरुरत है ताकि इन संस्थाओं की गुणवत्ता को दुनिया भर में मान्यता मिल सके. विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से ये संस्थान अपनी डिग्रियां प्रदान कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक हमने मात्रा पर ध्यान दिया जिसमें शिक्षकों की संख्या, छात्रों की संख्या आदि हैं.

अब हमारा ध्यान गुणवत्ता पर होना चाहिए। जो चीज बच्चे कक्षा में पढ रहे हैं, उन्हें समझ में आनी चाहिए. बच्चे केवल चीजों को रटने पर जोर न दें. गोगोई ने कहा कि कालेज, विश्वविद्यालय केवल डिग्रियां बांटने का स्थान नहीं होते बल्कि इन स्थानों पर ज्ञान सृजित किया जाता है, शोध के जरिये नयी बातें सामने आती हैं, छात्र एक दूसरे से सीखते हैं. नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय का उल्लेख करते हुए कांग्रेस सदस्य ने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है तब आईआईटी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मंदिर हैं. गोगोई ने कहा कि 2010 में अनिल काकोदकर समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आईआईटी में पीएचडी छात्रों पर जोर दिया जाये. प्रत्येक आईआईटी में 1200 शिक्षक और 12000 छात्र हों. उन्होंने कहा कि हमें शोध पर जोर देना चाहिए और उद्योग-शिक्षण संस्थाओं एवं शिक्षाविदों के बीच गठजोड को बढ़ावा देना चाहिए.

भाजपा के प्रह्लाद जोशी ने कहा कि छह नये आईआईटी की स्थापना मोदी सरकार की महत्वपूर्ण पहल है. भाजपा सदस्य ने कहा कि धारवाड में आईआईटी स्थापित करने से इस क्षेत्र की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी हो गई है. क्योंकि कर्नाटक के काफी विकसित होने के बावजूद अभी तक इस प्रदेश में आईआईटी नहीं था। मोदी सरकार ने हर राज्य में एक आईआईटी स्थापित करने पर जोर दिया है जो सराहनीय है. जोशी ने कहा कि भारत की आबादी 125 करोड है जिसमें 60 प्रतिशत युवा लोग हैं. ऐसे में आईआईटी का विस्तार किये जाने की जरुरत है ताकि युवा प्रतिभाओं को स्थान दिया जा सके.

इस विधेयक के तहत छह नये आईआईटी खोलने और धनबाद स्थित इंडियन स्कूल आफ माइन्स को आईआईटी अधिनियम के दायरे में लाने का प्रस्ताव किया गया है. इसके उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सरकार ने छह नये आईआईटी की स्थापना पंजीकृत सोसाइटी के रुप में की है. इसमें कहा गया है कि इन संस्थाओं को उक्त अधिनियम के दायरे में लाया जाना जरुरी था ताकि उन्हें राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रुप में घोषित किया जा सके. विधेयक में आईएसएम धनबाद को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने का प्रावधान है ताकि इन्हें आईआईटी प्रणाली से जोडा जा सके. विधेयक में नयी प्रणाली में आईआईटी तिरुपति, आईआईटी पलक्कड, आईआईटी गोवा, आईआईटी धारवाड, आईआईटी भिलाई और आईआईटी जम्मू को जोडने की बात कही गई है.

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