हैदराबाद: ऐतिहासिक कारणों से गांधी परिवार के कांग्रेस में ‘‘विशेष स्थान’ को न्यायोचित ठहराते हुए वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी दोनों ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं’ से गुजरे हैं और वे पार्टी पर थोपे नहीं गये हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि पार्टी के भीतर नीति निर्धारण की प्रक्रिया बहुत केंद्रीकृत है.
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पार्टी पर थोपा नहीं, ऐतिहासिक वजहों से गांधी परिवार का कांग्रेस में है विशिष्ट स्थान : जयराम रमेश
हैदराबाद: ऐतिहासिक कारणों से गांधी परिवार के कांग्रेस में ‘‘विशेष स्थान’ को न्यायोचित ठहराते हुए वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि सोनिया और राहुल गांधी दोनों ‘‘लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं’ से गुजरे हैं और वे पार्टी पर थोपे नहीं गये हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि पार्टी के भीतर नीति […]
रमेश ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विभिन्न सूत्रों से सूचना प्राप्त करती हैं और तब किसी फैसले पर पहुंचती हैं.उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उनके साथ काम करते 18 वर्ष हो गये और मैं उनके साथ बहुत हद तक पारिवारिक संबंध होने का दावा कर सकता हूं. मैं जिन लोगों को जानता हूं, उनमें वह सबसे अधिक लोकतांत्रिक हैं.कुछ समय तो बहुत ही अधिक लोकतांत्रिक.
‘ रमेश ने कहा, ‘‘वह किसी निर्णय तक पहुंचने में समय लेती हैं. वह कई सूत्रों से सूचनाएं प्राप्त करती हैं और आखिर में कोई फैसला करती हैं. वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं. आप इसे केंद्रीकृत कैसे कह सकते हैं? उनको निर्णय करना है. दस लोग मिलकर निर्णय नहीं कर सकते. एक व्यक्ति को निर्णय करना होता है.’
कांग्रेस में गांधी परिवार के सदस्यों की ‘‘अपरिहार्यता’ के बारे में राज्यसभा सांसद ने कहा कि पार्टी में परिवार के सदस्यों के विशेष स्थान के ‘‘ऐतिहासिक कारण’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम तौर पर गांधी परिवार लोगों के लिए जिम्मेदार है. वे एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया से आये हैं. उन्हें पार्टी पर थोपा गया है, यह कहना पूरी तरह से गलत होगा क्योंकि याद कीजिये कि इंदिरा गांधी 1977 में पराजित हो गयी थीं और 1980 में उन्होंने वापसी की.
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