पीएम मोदी ने राष्ट्रपति भवन संग्रहालय के दूसरे चरण का उद्घाटन किया

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तारीफों का पुल बांधते हुए उन्हें ‘‘अभिभावक और मार्गदर्शक” बताया और कहा कि दो साल पहले प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद उन्होंने अंगुली पकड़ कर विभिन्न विषयों पर मुझे रास्ता दिखाया है. राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के आज चार साल पूरे हुए. राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2016 11:06 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तारीफों का पुल बांधते हुए उन्हें ‘‘अभिभावक और मार्गदर्शक” बताया और कहा कि दो साल पहले प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद उन्होंने अंगुली पकड़ कर विभिन्न विषयों पर मुझे रास्ता दिखाया है. राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी के आज चार साल पूरे हुए.

राष्ट्रपति भवन संग्रहालय के दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मैं दिल्ली की दुनिया में नया था. मेरे लिए नया माहौल था. विभिन्न विषयों पर राष्ट्रपति ने एक अभिभावक, एक मार्गदर्शक के रुप में मेरी अंगुली पकडकर मुझे रास्ता दिखाया.
बहुत कम लोगों को ऐसा गौरव मिला है.” राष्ट्रपति भवन के इतिहास को संरक्षित करने तथा भवन संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदमों की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि मुखर्जी ने अपने सार्वजनिक जीवन के दौरान और राष्ट्रपति पद पर चार साल के कार्यकाल में इस ऐतिहासिक भवन को बहुत कुछ दिया है. उन्होंने कहा कि मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम जनता और सत्ता के सर्वोच्च केंद्र के बीच संपर्क क्षेत्र के रुप में विकसित किया.
उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरी राजनीतिक पृष्ठभूमि अलग है और राष्ट्रपति की राजनीतिक पृष्ठभूमि अलग, लेकिन उनके साथ हम प्रत्येक क्षण महसूस कर सकते हैं कि कैसे लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोग कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकते हैं.”
मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार द्वारा लायी गयी लगभग सभी योजनाओं को ‘प्रेंसीडेंट स्टेट’ में लघु रुप में लागू किया जा रहा है, जबकि कई राज्य इनकी घोषणा करने में भी हिचकिचाहट महसूस कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने पे्रसीडेंट स्टेट को ‘‘10,000 से अधिक आबादी वाला गांव बताया.” उन्होंने कहा, ‘‘किसी दूसरे राजनीतिक दल के व्यक्ति की सरकार के बावजूद भी सरकार की योजनाओं को राष्ट्रपति भवन में लागू किया जा रहा है, यह महानता सिर्फ प्रणब दा ही दिखा सकते हैं.”

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