नयी दिल्ली : इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक जाकिर नाइक को लेकर एक नया खुलासा हुआ है. पता चला है कि जाकिर नाईक के भाषणों से प्रभावित लोगों का संस्था के द्वारा धर्मपरिवर्तन कराया जाता था और इसके एवज में कुछ रुपये भी दिये जाते थे. हालांकि जाकिर नाईक ने इस बात का खंडन किया है और उन्होंने कहा है कि वे मीडिया ट्रायल का शिकार हुए हैं. जाकिर नाइक ने कहा कि उन्होंने मोदी का समर्थन किया है और हिंदू और मुसलमानों को जोड़ने का काम किया है. नाईक ने अपनी सारी गलत बयानी का ठीकरा भारतीय मीडिया पर फोड़ दिया है.
एबीपी न्यूज की मानें तो जाकिर नाइक का एक करीबी आर्सी कुरैसी वैसे लोगों को पकड़ कर लाता था जो जाकिर नाईक के भाषण से प्रभावित थे. जाकिर नाईक उनलोगों का धर्म परिवर्तन कराता था. एबीपी ने दावा किया है कि एक और शख्स रिजवान भी आर्सी कुरैसी का साथा था और धर्मांतरण में जाकिर की संस्था पूरा खर्चा वहन करता था. पुलिस भी इस पूरे मामले की जांच कर रही है. पुलिस के हाथों कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं जो इस बात का प्रमाण है कि इस संस्था में धर्मांतरण कराया जाता था.
पुलिस और एटीएस की टीम एस बात की भी जांच कर रही है कि जाकिर की संस्था लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें सीरिया आईएसआईएस में शामिल होने के लिए भेजता था या नहीं. पुलिस जाकिर नाईक पर मामला दर्ज करने के लिए जांच कर रही है. दूसरी ओर जाकिर नाईक लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि वह धर्म परिवर्तन जैसे मामलों में संलिप्त है. हाल में एक भारतीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जाकिर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की.
जाकिर का कहना है कि नरेंद्र मोदी एकमात्र ऐसे पीएम हैं, जिन्होंने इतने कम समय में तमाम मुस्लिम देशों का दौरा किया. उन्होंने हिंदू-मुस्लिमों को करीब लाने का काम किया है, जिसके लिए मैं उनका समर्थन करता हूं.’ जाकिर का कहना है कि ‘मेरे खिलाफ गलत खबरें चलाई गई हैं, मैंने कभी आतंकवाद का समर्थन नहीं किया, न करूंगा.’ इसके साथ जाकिर बोले कि ‘मैं मीडिया को चुनौती देता हूं कि वो एक भी उदाहरण दिखाए जहां मैंने आतंकवाद का समर्थन किया है.’