एएन-32 विमान की खोज पांचवें दिन भी युद्धस्तर पर जारी
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने 17वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर आज अमर जवान ज्योति जाकर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने लापता एएन-32 विमान के संबंध में कहा कि हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है और विमान […]
नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने 17वें करगिल विजय दिवस के अवसर पर आज अमर जवान ज्योति जाकर करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने लापता एएन-32 विमान के संबंध में कहा कि हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है और विमान का पता लगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. इस विमान की तलाश युद्धस्तर पर आज पांचवें दिन भी जारी है.
भारतीय वायुसेना के लापता एएन-32 परिवहन विमान की जारी व्यापक खोज के बीच तटरक्षक बल के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को कहा कि अभी तक इस विमान के मलबे या जीवित बचे लोगों का कोई पता नहीं चला है. समुद्री सतह पर खोज के बाद अगला कदम समुद्र के भीतर खोज करने का होगा. तटरक्षक बल के कमांडर (पूर्व) महानिरीक्षक राजन बरगोत्रा ने कहा, ‘फिलहाल इस विमान के मलबे या जीवित बचे लोगों का कोई पता नहीं चला है. नौसेना के 13 पोतों, तटरक्षक बल के दो पोतों के अलावा अंडमान व निकोबार द्वीप समूहों से संसाधन इस अभियान में लगाये गये हैं. तटरक्षक बल एएन-32 विमान के लिए तलाशी अभियान में समन्वय स्थापित कर रहा है.
यह विमान 22 जुलाई को तंबरम हवाईअड्डा से उड़ान भरने के 16 मिनटों बाद ही राडार से बाहर हो गया था. विमान पोर्ट ब्लेयर के लिए निकला था.
इएलटी से असहयोग: विमान के इमर्जेंसी लोकेटर ट्रांसमीटर (इएलटी) से प्रकाश स्तंभों की अनुपस्थिति पर कहा कि इससे मिले संकेतों से बचाव का काम आसान हो गया होता. इस मुद्दे को उपकरण विनिर्माता के समक्ष उठाया गया है.
विमान का पता लगाने के लिए सरकार प्रयासरत: सरकार ने सोमवार को लोकसभा में बताया कि शुक्रवार को लापता हुए वायुसेना के एएन-32 विमान को खोजने के प्रयास जारी हैं और सरकार तथा वायुसेना इसमें सवार लोगों को बचाने के प्रयास कर रही है.