नयी दिल्ली : संसद के मानसून सत्र को लेकर भाजपा ने संसदीय दल की अाज बैठक बुलायी गयी. बैठक में सत्र को लेकर रणनीति के साथही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर भी चर्चा कीखबर है. इस बैठक में प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी समेत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद हुए. इन सबके बीच संसदीय कार्य मंत्री अनंत सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जीएसटी पर जहां चर्चा होनी चाहिए, वहां हो रही है.
GST ke baarein mein jahaan charcha honi chahiye, wahaan ho rahi hai: Ananth Kumar, Parliamentary Affairs Min pic.twitter.com/X3IuANj1tw
— ANI (@ANI) July 26, 2016
गौर हो कि जीएसटी बिल पर कांग्रेस की असहमति के चलते खतरा मंडरा रहा है. जिसके चलते केंद्र सरकार आम सहमति बनाने की पुरजोर कोशिश कर रही है.उधर, मंगलवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली इस पर सलाह के लिए सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने वाले हैं.
आम सहमति दरकने के आसार
जीएसटी बिल की राह में एक बार फिर रोड़े दिख रहे हैं.आज वित्त मंत्री अरुण जेटली इस पर संशोधनों के लिए सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने वाले हैं, उसके एक दिन पहले संसद में सरकार और कांग्रेस के बीच इस मसले पर गतिरोध नजर आने लगा है. ऐसा उस वक्त होता दिख रहा है जब इस पर नौ महीने से दोनों पक्षों के बीच जमी बर्फ पिघलनी शुरू हुई थी.
कांग्रेस ने सोमवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार जीएसटी पर आम सहमति बनाने और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर हमला करने का काम एक साथ कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, हम देश हित में सदन में सहयोग कर रहे हैं लेकिन राजनीतिक रूप से वे हमसे बदला रहे हैं. दरअसल कांग्रेस नाराज है और जीएसटी पर अपने मौजूदा लचीले रुख को छोड़कर फिर से सख्त रुख अपनाने की धमकी दे रही है.
मानसून सत्र शुरू होने से पहले जीएसटी पर मतभेदों को दूर करने के लिए सरकार के साथ इसकी औपचारिक वार्ता भी हुई थी. पिछले सप्ताह इस मामले में तब दोनों पक्षों के बीच प्रगति दिखी जब जीएसटी पर बहस और पास कराने के लिए पांच घंटे का समय आवंटित करने के मसले पर यह सहमति हुई. हालांकि तारीख निर्धारित नहीं हुई थी.
सरकार के भीतर ही जीएसटी पर गहरे मतभेद : जयराम
इस मसले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार जीएसटी पर बातें तो खूब कर रही है लेकिन अब वह खुद ही जीएसटी बिल नहीं चाहती. पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा, हम जानते हैं कि सरकार के भीतर ही जीएसटी पर गहरे मतभेद हैं. सरकार इस बात से चिंतित है कि इससे महंगाई बढ़ सकती है.
भाजपा की मुश्किलें
मीडिया रिपोट के मुताबिक भाजपा नेता भी मानते हैं कि यदि निकट भविष्य में जीएसटी पास होता है और अगले साल से इसे लागू किया जाता है तो इसका दोहरा प्रभाव हो सकता है. एक वरिष्ठ भाजपा नेता के हवाले से रिपोट में कहा गया है कि एक तो जीएसटी की ऊंची दरें और बड़े टैक्स बेस के कारण कीमतें बढ़ सकती हैं. उसी दौरान महत्वपूर्ण यूपी और गुजरात चुनाव होंगे. भाजपा को यह भी भय है कि व्यापारी तबके का उसका वफादार वोट बैंक जीएसटी के खिलाफ विद्रोह कर सकता है क्योंकि यह टैक्स अदा नहीं करने वालों को जवाबदेह बनाएगा.