नयी दिल्ली : सरकार ने वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक में कुछ प्रमुख बदलावों को बुधवार को मंजूरी दे दी. राज्यों को एक प्रतिशत अतिरिक्त विनिर्माण कर लगाने संबंधी प्रावधान हटा लिया गया है. इसके साथ ही जीएसटी अमल में आने के पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई की गारंटी पर भी केंद्रीय कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिये गये.
जीएसटी विधेयक में किये गये इन बदलावों पर राज्यों की सहमति होने और विधेयक में इन संशोधनों पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार को लंबे समय से अटके पड़े जीएसटी विधेयक के राज्यसभा में पारित होने की उम्मीद है. सरकार को उम्मीद है कि विधेयक को संसद के चालू मॉनसून सत्र में ही पारित करा लिया जायेगा. संसद का यह सत्र 12 अगस्त को समाप्त हो रहा है.
फैसलों में यह भी
सरकार ने विदेशी कंपनियों को घरेलू शेयर या जिंस एक्सचेंजों में 15 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति दे दी. अभी विदेशी कंपनी पांच %तक हिस्सेदारी रख सकती है.
विवाद का निबटारा परिषद में होगा
जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक में यह भी प्रावधान किया जायेगा कि जीएसटी लागू होने पर केंद्र और राज्यों के बीच विवाद की सूरत में जीएसटी परिषद में मामला जायेगा और वही फैसला करेगी. इस परिषद में केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि होंगे.