नयी दिल्ली: गृहमंत्री राजनाथ सिंह 3 और 4 अगस्त को होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाएंगे. गृहमंत्री का यह दौरा भारत के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है. कश्मीर में मौजूदा हालात और पठानकोट हमले के बाद किसी वरिष्ठ मंत्री का यह पहला पाकिस्तान दौरा होगा. ऐसे तनावपूर्ण माहौल में गृह मंत्री को पाकिस्तान भेजकर भारत यह संदेश दुनिया को देना चाहता है कि क्षेत्र विकास के लिए होने वाली हर वार्ता और गतिविधि उसके लिए अहम है.
भारत के इस सम्मेलन में हिस्सा लेने का एक और कारण यह है कि अगर एक भी सदस्य इस बैठक में शिरकत नहीं करता है तो इसे रद्द कर दिया जाएगा. भारत नहीं चाहता कि पड़ोसी मुल्क को ऐसी कोई वजह हाथ में दी जाए जिससेपाकिस्तानको भारत की गंभीरता पर सवाल उठाने का मौका मिले.प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत इस बैठक में ‘आतंकवाद’ के मुद्दे को उठा सकता है. इस मुद्दे को उठाकर भारत पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा. कश्मीर में हाल ही में भड़की हिंसा के पीछे पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आ चुका है.
आपको बता दें कि ढाका में हुई सार्क की बैठक में सभी देशों के प्रमुखों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि उनके गृह मंत्री हर साल आपसी सहयोग बढ़ाने और संबंधों को सुधारने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे और सालाना बैठक करेंगे. सार्क की गृह मंत्री स्तर की पहली बैठक 11 मई 2006 को ढाका में हुई थी और 2007 में यह बैठक दिल्ली में हुई.