‘मन की बात” : बोले पीएम मोदी- पोस्टमैन बनने को तैयार, शुभकामनाएं रियो में ख‍िलाड़‍ियों तक पहुंचे

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि रियो की गूंज कुछ दिनों बाद हमारे कानों में गूंजेगी. उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज सुबह-सुबह मुझे दिल्ली के नौजवानों के साथ कुछ पल बिताने का अवसर मिला. मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में पूरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2016 11:08 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि रियो की गूंज कुछ दिनों बाद हमारे कानों में गूंजेगी. उन्होंने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज सुबह-सुबह मुझे दिल्ली के नौजवानों के साथ कुछ पल बिताने का अवसर मिला. मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में पूरे देश में खेल का रंग हर नौजवान को उत्साह-उमंग के रंग से रंग देगा. कुछ ही दिनों में विश्व का सबसे बड़ा खेलों का महाकुम्भ होने जा रहा है. रियो हमारे कानों में बार-बार गूंजने वाला है. हमारी आशा-अपेक्षायें तो बहुत होती हैं, लेकिन रियो में जो खेलने के लिये गए हैं, उनका हौसला बुलंद करने का काम भी देशवासियों का है.

पीएम मोदी ने कहा कि आज दिल्ली में भारत सरकार ने ‘रन फोर रियो’, ‘खेलो और जिओ’, ‘खेलो और खिलो’- एक बड़ा अच्छा आयोजन किया. हम भी आने वाले दिनों में, जहां भी हों, हमारे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन के लिये कुछ-न-कुछ करें. यहां तक जो खिलाड़ी पहुंचता है, वो बड़ी कड़ी मेहनत के बाद पहुंचता है. एक प्रकार की कठोर तपस्या करता है. खाने का कितना ही शौक क्यों न हो, छोड़ना पड़ता है. ठण्ड में नींद लेने का इरादा हो, तब भी बिस्तर छोड़ करके मैदान में भागना पड़ता है. न सिर्फ़ खिलाड़ी, उनके मां-बाप भी, उतने ही मनोयोग से अपने बालकों के पीछे शक्ति खपाते हैं. खिलाड़ी रातों-रात नहीं बनते.

एक कविता का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक कविता प्रेमी – पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी सूरज प्रकाश उपाध्याय- उन्होंने एक कविता भेजी है. और भी बहुत कवि होंगे, जिन्होंने कवितायें लिखी होंगी, कवितायें लिखेंगे भी, कुछ लोग तो उसको स्वरबद्ध भी करेंगे, हर भाषा में करेंगे. मुझे सूरज जी ने जो कविता भेजी है. इस कविता को पीएम ने कार्यक्रम में साझा भी किया. उन्होंने कहा कि खिलाड़ी रातों-रात नहीं बनते. एक बहुत बड़ी तपस्या के बाद बनते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि एक नौजवान अंकित करके हैं, उन्होंने मुझे राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि का स्मरण करवाया है. गत सप्ताह अब्दुल कलाम जी की पुण्यतिथि पर देश और दुनिया ने श्रद्धांजलि दी. अब्दुल कलाम जी का नाम आता है तो साईंस टेक्नलॉजी और मिसाइल – भावी भारत के सामर्थ्य का चित्र हमारी आँखों के सामने अंकित हो जाता है. अंकित ने भी लिखा है कि आपकी सरकार अब्दुल कलाम जी के सपनों को साकार करने के लिए क्या कर रही है ? आने वाला युग टेक्नालॉजी ड्राइविन है और टेक्नालॉजी सबसे ज़्यादा चंचल है. आये दिन टेक्नालॉजी बदलती है. आप टेक्नालॉजी को पकड़ नहीं सकते, उससे आगे निकलना है, तो हमारे लिए रिसर्च और इनावेशन – ये टेक्नालॉजी के प्राण हैं.

पीएम ने कहा कि कुछ समय पहले हम लोग अकाल की चिंता कर रहे थे और इन दिनों वर्षा का आनंद भी आ रहा है, तो बाढ़ की ख़बरें भी आ रही. राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर बाढ़-पीड़ितों की सहायता के लिये कंधे से कंधा मिला कर के भरपूर प्रयास कर रही हैं. कभी-कभी ऐसी बीमारी आ जाती है कि हमें जीवन भर पछतावा रहता है, लेकिन अगर हम जागरूक रहें तो इससे बचने के रास्ते भी बड़े आसान हैं. डेंगू को ही ले लीजिए. इससे से बचा जा सकता है. थोड़ा स्वच्छता पर ध्यान रहे, थोड़े सतर्क रहें और सुरक्षित रहने का प्रयास करें.

पीएम ने कहाकि बीमार हो गए, तो मन करता है, जल्दी से ठीक हो जाओ और इसलिए कोई भी एंटीबायोटिक लेकर के डाल देते हैं शरीर में. तत्काल तो बीमारी से मुक्ति मिल जाती है, लेकिन ये रास्ते चलते-फिरते एंटीबायोटिक लेने की आदतें बहुत गंभीर संकट पैदा कर सकती हैं. आपको तो कुछ पल के लिए राहत मिल जाए, लेकिन डॉक्टरों की सलाह के बिना हम एंटीबायोटिक लेना बंद करें.उन्होंने कहा कि मैं आग्रह करता हूँ कि डॉक्टर ने जितने दिन लेने के लिये कहा है, कोर्स पूरा कीजिए,आधा-अधूरा छोड़ दिया, तो जीवाणु के फ़ायदे में जाएगा. जो जीवाणु टीबी और मलेरिया फैलाते हैं, वो तेज़ गति से अपने अन्दर ऐसे बदलाव ला रहे हैं कि दवाइयों का कोई असर ही नहीं होता है.

पीएम ने कहाकिमेडिकल की भाषा में इसे #antibioticresistance कहते हैं और इसलिए एंटिबायोटिक का कैसे उपयोग हो,इसके नियमों का पालन भी उतना ही ज़रूरी है एंटिबायोटिक की जो दवाइयां बिकती हैं, उसका जो पत्ता रहता है,उसके ऊपर लाल लकीर से आपको सचेत किया जाता है,आप उस पर ज़रूर ध्यान दीजिए। देश में हर वर्ष 3 करोड़ महिलायें गर्भावस्था धारण करती हैं, प्रसूति के समय कभी माँ मरती है, कभी बालक मरता है, कभी दोनों मरते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि एक दशक में माता की असमय मृत्यु की दर में कमी तो आई है,लेकिन फिर भी आज बहुत बड़ी मात्रा में गर्भवती माताओं का जीवन नहीं बचा पाते है. सरकार ‘प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व; अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं की सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में निशुल्क जाँच की जायेगी.

वृक्षारोपण की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भगवान कृष्ण वृक्ष की चर्चा करते हैं, युद्ध के मैदान में भी वृक्ष की चर्चा चिंता करना मतलब कि इसका माहात्म्य कितना होगा. गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं – ‘अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणां’ अर्थात् सभी वृक्षों में मैं पीपल हूं. शुक्राचार्य नीति में कहा गया है – ‘नास्ति मूलं अनौषधं’ – ऐसी कोई वनस्पति नहीं है, जिसमें कोई औषधीय गुण न हो. उन्होंने कहा कि महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है – ‘जो वृक्ष लगाता है, उसके लिए ये वृक्ष संतान रूप होता है, इसमें संशय नहीं है. इसलिये अपने कल्याण की इच्छा रखने वाले माता-पिता अच्छे वृक्ष लगाएं और उनका संतानों के समान पालन करें. पुणे की एक बेटी सोनल का एक उदाहरण मेरे ध्यान में आया, वो मेरे मन को छू गया. सोनल ने सिर्फ़ अपने माता-पिता की नहीं, समाज की इच्छाओं को पूर्ण करने का जैसे बीड़ा उठाया है.पुणे की सोनल ने अपनी शादी में रिश्तेदारों को केसर आम का पौधा उपहार में दिया. इस प्रयास के लिए सोनल को बधाई.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं किसान भाइयों को कहता हूँ क्यों न हम खेतों के किनारे बाड़ की जगह टिम्बर की खेती करें जो आय का नया साधन बन सकता है. गुजरात में समाजसेवी संगठन ने अम्बा जी मंदिर में पदयात्रियो को प्रसाद में पौधा देने का संकल्प किया. यह एक सहज जन-आन्दोलन बन सकता है. खेतों के किनारे टिम्बर के वृक्ष लगाने से भारत टिम्बर इम्पोर्ट करने से बच सकता हैं.

पीएम मोदी ने कहा भारत सरकार ने CAMPA कानून पारित किया, जिसमे वृक्षारोपण के लिए करीब चालीस हजार करोड़ रुपए राज्यों को मिलेंगे. राजस्थान ने मरू-भूमि में पच्चीस लाख पौधे लगाने का संकल्प किया है. महाराष्ट्र सरकार ने एक जुलाई को पूरे राज्य में करीब सवा-दो करोड़ पौधे लगाये हैं और अगले साल 3 करोड़ पौधे लगाने का संकल्प किया है.

पीएम मोदी ने कहा कि आंध्र प्रदेश ने भी 2029 तक अपना #greencover 50% बढ़ाने का फ़ैसला किया है. केंद्र सरकार के ‘Green India Mission’ तहत रेलवे ने वृक्षारोपण के काम को उठाया है. मेरे लिये South Africa की यात्रा एक प्रकार से तीर्थ यात्रा थीI जिसके दौरान महात्मा गाँधी और Nelson Mandela की याद आना स्वाभाविक है. Nelson Mandela के करीबी साथी Ahmed Kathrada, Laloo Chiba, George Bizos, Ronnie Kasrils- महानुभावों के दर्शन करने का सौभाग्य मिला. मुझे इस बार ऐसे महानुभावों से मिलने का अवसर मिला, जिन्होंने समानता के लिये, समान अवसर के लिये, अपनी जवानी समाज के लिये खपा दी थी. जिस ट्रेन की घटना ने एक मोहनदास को महात्मा गाँधी बनाने का बीजारोपण किया था, उस रेल यात्रा का भी मुझे सद्भाग्य प्राप्त हुआ.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में अहिंसा, प्रेम, क्षमा – ये शब्द जब कान पर पड़ते हैं, तो गांधी और मंडेला – इनके चेहरे हमारे सामने दिखाई देते हैं. किसी भी समाज और सरकार के लिए सम-भाव और मम-भाव से बड़ा कोई मंत्र नहीं हो सकता. जो हमें उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाते हैं. आइए, हमारे इन भारतीयों पर गर्व करें, जिन्होंनें साउथ अफ्रीका में भी हमारे जीवन के मूल मन्त्रों को जी करके दिखाया है.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं शिल्पी वर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे cheat और fraud e-mail की एक घटना से अवगत कराया. टेक्नालॉजी के माध्यम से लूटने के एक नये तरीक़े विश्व भर में फ़ैल रहे हैं . इससे हमें सजग रहना चाहिये.अलीगढ़ स्टेशन की चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा के कुछ छात्रों ने वहां के रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण किया. इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं.रक्षाबंधन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस अवसर पर बहनों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना या जीवन ज्योति बीमा योजना भेंट कर सकते है.

पीएम मोदी ने कहा कि हिंद छोड़ो के 75 साल और भारत की आज़ादी के 70 साल नई प्रेरणा दे सकते हैं, देश के लिये कुछ करने के लिये संकल्प का अवसर बन सकते हैं.आज़ादी के पर्व पर मैं आशा करता हूँ कि आप भी देशभक्ति की प्रेरणा से जुड़ा कुछ अच्छा करेंगें. उसकी तस्वीर नरेंद्र मोदी एप पर भेजिए.

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